संक्रामक बीमारियों ने पसारे पैर, वितरित की गयीं दवाइयां
अधिकारियों को एलर्ट मोड पर रहने के डीएम ने दिये निर्देश
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। बीते तीन दिनों से गंगा नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। जिससे तलहटी के गांवो में रहने वाले लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। गंगा के समीपवर्ती खेतों में खड़ी फसलें सैलाब के पानी में डूब गई हंै और किसानों को नुकसान होने लगा है। बाढग़्रस्त क्षेत्र के गांवों में सैलाब के प्रकोप के चलते बीमारियां भी पांव पसार रही हैं। जिसमें सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, खाज, खुजली जैसे तमाम रोग लोगों में पनपने लगे हैं। बाढ़ से प्रभावित जिलों में अत्यधिक समस्याएं पैदा ना हो इसके लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री द्वारा मीटिंग का आयोजन किया गया था और बाढ़ प्रभावित जिलों के जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वह बाढ़ क्षेत्र में स्वयं जाएं और अपने मातहत अधिकारियों को भी भेजें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जनमानस को नुकसान ना हो। कृषि क्षेत्र मैं जो नुकसान किसानों को हो इसका आंकलन कराया जाए। जिससे उन्हें समय रहते मुआवजा दिया जा सके। जनपद में बाढ़ की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने बाढग़्रस्त क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इसके साथ ही बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री भी वितरित की।अमृतपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम तीसराम की मडैय़ा व कंचनपुर सबलपुर में डीएम ने बाढ़ क्षेत्र ग्रामों का भ्रमण किया। खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि जहां पर नाव चल रही है वहां पर गैस जलाकर रोशनी की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा जो रोड कटी है वह बंद कर दी जाए। नाव द्वारा आवागमन कराया जाए। लगातार भ्रमण सील बने रहें। तीसराम की मडैय़ा में 75 लोगों को बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया गया। उप जिला अधिकारी अतुल कुमार सिंह, तहसीलदार कर्मवीर सिंह, नायब तहसीलदार अभिषेक यादव, एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति, लेखपाल आशीष यादव, पवन यादव, अमित शुक्ला, प्रधान रमेश सिंह आदि लोग मौके पर मौजूद रहे। जिलाधिकारी बी0के0 सिंह द्वारा बताया गया है कि तीसराम की मडैय़ा चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। पानी घरों में अभी तक नहीं घुसा है। यहां पर बाढ़ राहत सामग्री वितरित की गयी। कोई भी व्यक्ति अगर परेशान होता है तो वह तुरंत ही संपर्क करें। सुंदरपुर, कछुआगाढ़ा, आशा की मड़ैया, कंचनपुर सबलपुर, लायकपुर, जोगराजपुर, इमादपुर, भाऊपुर, कुसमापुर आदि गांवों के पास बाढ़ का पानी पहुंचा गया है। अगर गंगा नदी का जलस्तर यूं ही लगातार बढ़ता रहा तो फिर कुछ घंटे में ही आवागमन के कई रास्ते बाधित हो सकते हैं और गांवों की गलियां पानी से लबालब हो जाएंगी।