शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो शिक्षित होने के साथ आत्मनिर्भर भी बनाये: राज्यपाल

राज्यपाल की अध्यक्षता में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न।
समृद्धि न्यूज़ अयोध्या। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को डॉ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हो गया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 2,00,218 उपाधियाँ प्रदान कीं। उन्होंने 102 छात्र-छात्राओं को कुल 116 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए,जिसमें 33 कुलपति स्वर्ण पदक,66 कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं 17 दानस्वरूप स्वर्ण पदक में से 14 छात्र छात्राएं ऐसे हैं,जिन्हें कुलपति व कुलाधिपति स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए।इस समारोह में 65 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिला जिनका प्रतिशत 64 रहा। वहीं 37 स्वर्ण पदक छात्रों को मिला,इनका प्रतिशत 36 रहा है। राज्यपाल ने सफल विद्यार्थियों के अंक-पत्र एवं उपाधियों को भारत सरकार के डिजिलॉकर में ई-प्रमाणपत्र के रूप में अपलोड कर डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम बढ़ाया।राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए प्राथमिक व पूर्व प्राथमिक विद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं चित्रकला, भाषण तथा संवाद में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को शील्ड देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को समृद्ध बनाने हेतु बहराइच जनपद की आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी किट प्रदान किया। उन्होंने 05 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को विद्यालय के पुस्तकालय हेतु राजभवन की ओर से उपहार स्वरूप पुस्तकें भी भेंट की।समारोह में विश्वविद्यालय की स्मारिका एवं अयोध्या एक सुखद यात्रा पुस्तक का विमोचन राज्यपाल जी द्वारा किया गया।राज्यपाल ने समारोह में छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने में सदैव गुरुकुलों एवं विश्वविद्यालयों का सहयोग रहा है।समाज के निर्माण एवं संवर्धन में विश्वविद्यालयों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है।संस्कृति,ज्ञान एवं परंपरा के संरक्षक एवं विभिन्न कालों में नवीन परम्पराओं के संवाहक एवं नवोन्मेष शोध केंद्र के रूप में ये समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य रहे हैं।उन्होंने कहा कि आज के दीक्षांत में भी छात्राओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है।यह प्रसन्नता की बात है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन छात्राएं आगे बढ़ रही हैं।समारोह में राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनके माता-पिता और गुरूओं की विशेष भूमिका होती है।उन्होंने कहा कि भारत सबसे युवा देश है।हमारी 55 प्रतिशत से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है।भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे स्थान पर है।वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आपकोे संकल्पित होना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री ने वर्ष-2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए आपको प्रयास करना चाहिए।समारोह में राज्यपाल ने कहा कि भारत एक समृद्ध विरासत का राष्ट्र है और इसका ध्वजवाहक आपको ही बनना है। अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कठिन परिश्रम करें।उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। इससे युवाओं हेतु रोजगार के अवसर पैदा होंगे।विद्यार्थियों को प्रदेश और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए कार्य करना चाहिए।उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो शिक्षित होने के साथ आत्मनिर्भर भी बनाये।शिक्षा में सभी को समान अवसर मिले इसके लिए आस पास के पिछडे़ जिलों को भी विकसित करना है।उन्होंने कहा कि के.जी. से पी.जी. तक आपस में एक दूसरे से जुड़े रहे एवं विश्वविद्यालय को आंगनबाड़ी के बच्चों की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने 05-05 गांव गोद लिया है और उनको विकसित करने का कार्य कर रहे हैं। 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।हमारा पर्यावरण जल, नदियां,संस्कार स्वच्छ होना चाहिए। स्वच्छता हमारा स्वभाव बनना चाहिए।उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त नशा विनाश की जड़ है।लोगों में नशा राष्ट्रवाद का होना चाहिए,विकसित राष्ट्र बनाने का होना चाहिए,नशा शरीर के साथ समृद्धि को नष्ट कर रहा है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों को नशे से दूर रहने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी विद्यार्थी संकल्प करें कि वे नशा नही करेंगे क्योंकि नशा और दहेज प्रथा समाज की सबसे बड़ी बुराई है।उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ कर दिया गया है।प्रस्ताव बनाकर उसे प्राप्त करें तथा शिक्षा के स्तर को उच्चीकृत करें।उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा क्रियान्वित ‘‘शोध एवं विकास नीति‘‘ प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने आवासीय परिसर के शिक्षकों के लिए ‘‘परामर्श नीति‘‘ को निर्मित करते हुए क्रियान्वित भी कर दिया है। इसके क्रियान्वयन से विश्वविद्यालय,शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त होगा। राज्यपाल जी ने कहा कि अयोध्या अपनी पुरातन संस्कृति के साथ सज-धज रही है। रेलवे स्टेशनों को पुनरुद्धार किया गया। वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।अयोध्या धर्म नगरी के रूप में विकसित हो रही है।दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 भगवती प्रकाश शर्मा, दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय,उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी तथा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर बहराइच सीडीओ मुकेश चन्द्र,उप कुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य, डॉ0 रीमा श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद, विद्यापरिषद,महाविद्यालय के प्राचार्य सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक,विद्यार्थी व कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

अमिताभ श्रीवास्तव

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