राज्यपाल की अध्यक्षता में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का 26वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
अमिताभ श्रीवास्तव।
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का 26वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 601 छात्र छात्राओं को उपाधियां तथा 62 मेधावियों को पदक एवं पुरस्कार प्रदान किया।उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 14 छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक,14 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 13 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक एवं 21 छात्र छात्राओं को प्रायोजित स्वर्ण पदक से प्रदान किया। राज्यपाल ने सभी उपाधियों एवं अंक-पत्रों को डिजीलॉकर पर अपलोड किया।इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सशक्त बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 200 आंगनबाड़ी किट प्रदान किया,जिसमें 100 आंगनबाड़ी किट विश्वविद्यालय तथा 100 आंगनबाड़ी किट का वितरण जिला प्रशासन औरैया के सहयोग से किया गया।उन्होंने तीन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को 200 पुस्तकें भी भेंट की तथा संबिलियन विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय कानपुर देहात, रायबरेली,फतेहपुर के विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी 12 छात्र छात्राओं को प्रमाणपत्र, पुस्तकें,पेन एवं बैग आदि देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर राज्यपाल ने उपाधि धारक छात्र छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें अपने ज्ञान एवं कौशल का उपयोग करते हुए कृषि की नवीन तकनीक द्वारा गुणवत्तापरक उत्पादन के साथ कृषि में रोजगार सृजन कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का प्रयास करना चाहिए,जिससे इस विश्वविद्यालय एवं देश की ख्याति में वृद्धि होगी।उन्होंने विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए लक्ष्य भी बड़े निर्धारित करना चाहिए।उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य की आवश्यकताओं, तकनीक एवं उपलबध अवसरों के अनुसार ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि देश कृषि शोध एवं शिक्षा के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां अर्जित कर रहा है तथा खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है और इसका श्रेय हमारे किसानों को जाता है।उन्होंने कहा कि अधिकतर जनसंख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही हैं।ग्रामीण महिलाएं कृषि क्षेत्र, पशुपालन,मछली पालन, हथकरघा तथा डेरी उत्पादन आदि में अपनी सहभागिता देकर आत्मनिर्भर बन रही हैं तथा भारतीय अर्थ व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि लागत को कम किए जाने तथा गौ आधारित प्राकृतिक एवं जैविक खेती को अपनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि तकनीकों व्याधि रोधी प्रजातियों, कृषि निवेशों की प्रचुरता तथा कृषि हितैषी नीतियों के कारण देश में खाद्यान्न उत्पादों में वृद्धि दर्ज की गई है।कृषि क्षेत्र में ड्रोन दीदी एवं कृषि सखियों का भी चयन किया जा रहा है जो निश्चित तौर पर कृषि उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देंगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय गेहूं एवं मक्का शोध केंद्र मेक्सिको के महानिदेशक डॉ0 ब्रैम गोवार्ट्स को मानद उपाधि से विभूषित किया तथा राजभवन के नवाचारों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ भेंट किया।इसके अतिरिक्त उन्होंने सीडीओ औरेया को हेल्थ किट प्रदान की और निर्देश दिया कि सभी आंगनाबाड़ी केन्द्रों को भी ऐसी ही किट प्रदान की जाए। विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान में परास्नातक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र को प्रायोजित तपानाथ शुक्ला स्वर्ण पदक एवं 50 हजार रूपये का चेक पारितोषिक भी प्रदान किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 आनंद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की तथा शिक्षण,शोध एवं प्रसार कार्यों के नवाचारो के बारे में विस्तार से जानकारी दी।इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ब्रैम गोवार्ट्स ने सभी पदक व उपाधि प्राप्त छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा दलहन, तिलहन एवं खाद्यान्न फसलों की 305 से अधिक प्रजातियां निकालकर कृषि क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है तथा हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय का बड़ा योगदान रहा है।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही,विशिष्ट अतिथि कृषि शिक्षा राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख,मुख्य विकास अधिकारी औरेया राम सुमेर गौतम,विश्वविद्यालय के प्रबन्ध मण्डल एवं विद्वत परिषद के सदस्य,विश्वविद्यालय के संकायों के अधिष्ठाता,निदेशक, शिक्षक,अधिकारी,छात्र छात्राएं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां तथा स्कूली बच्चे आदि उपस्थित रहे।