राष्ट्र रक्षा,पर्यावरण और मानव कल्याण के लिए सुंदर कार्य करते रहे हैं अशर्फी भवन के आचार्य: योगी

जब राजा धार्मिक होता है तो प्रजा भी धार्मिक होती है,हमारा सौभाग्य है कि हमारे प्रदेश का राजा धार्मिक है: स्वामी श्रीधराचार्य 

समृद्धि न्यूज़ अयोध्या। रामनगरी की सिद्धपीठ अशर्फी भवन में पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य  स्वामी  धराचार्य जी महाराज के संकल्प से विश्व शांति राष्ट्र रक्षा पर्यावरण शुद्धि जीव मात्र के कल्याण के लिए 54 कुंडीय पंचनारायण महायज्ञ एवं अष्टोत्तर सत श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा में शुक्रवार को पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वप्रथम भगवान लक्ष्मी नारायण का दर्शन कर सिद्ध पीठ को नमन किया,यज्ञ में संकल्पपूर्वक विभिन्न प्रकार की औषधियां से आहुति प्रदान किया तथा कथा मंडप में साल उड़ाकर और माला पहना कर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी धराचार्य जी महाराज का अभिनंदन किया।समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अशर्फी भवन पीठ के पूर्व आचार्य से लेकर के वर्तमान के आचार्य तक राष्ट्र रक्षा पर्यावरण एवं मानव कल्याण के लिए सदा सुंदर कार्य करते रहे हैं।इस श्रृंखला में पूज्य जगद्गुरु के द्वारा यह सुंदर कार्य किया जा रहा है,इसके लिए मैं  स्वामी श्रीधराचार्य महाराज का अभिनंदन करता हूं।उन्होंने कहा कि यज्ञ,पूजा,पाठ और धार्मिक आयोजन सनातन धर्म का स्तंभ है।यह एक ऐसी संस्कृति है जो सभी के कल्याण की कामना करती है।यह अपना है और यह पराया है,यह गणना संकुचित विचारधारा की है।उदार चरित्र वाले संपूर्ण पृथ्वी को अपना कुटुंब मानते हैं और यह उदार भावना सनातन हिंदू संस्कृति में है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हिंदू समाज को सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए जागृत होना पड़ेगा।जागरण का ही परिणाम है की पांच सौ साल की पुरानी दास्तां के पश्चात प्रभु श्रीराम दिव्य और भव्य रूप से अयोध्या में विराजे हैं।अयोध्या सनातन संस्कृति का मार्गदर्शन सदा से करती रही है,इसलिए इसको सजाना अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है।जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी धराचार्य जी महाराज ने अपने स्वागत प्रवचन में कहा कि जब राजा धार्मिक होता है,तो प्रजा भी धार्मिक होती है।आज हम सभी का सौभाग्य है कि भारत देश और उत्तर प्रदेश की धरती को एक सुयोग्य शासक के रूप में पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज हम सभी को प्राप्त हुए हैं जिसका परिणाम है कि हमारी संस्कृति मानव जीवन के मूल्यों को उत्तरोत्तर बढ़ाने के लिए सतत आगे बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि   महाराज  ने आज यज्ञ में पधार करके राजधर्म और सन्यास धर्म दोनों का सुंदर पालन किया है।यज्ञ से पर्यावरण की शुद्धि एवं वर्षा होती है और उसी से मानव जीवन सुरक्षित है।उन्होंने कहा कि अयोध्या की धरती को माता सीता के श्राप से मुक्त करने के लिए इसके पुर्न वैभव को प्रतिष्ठित करने के लिए यह पंचनारायण महायज्ञ का दिव्य आयोजन है।अयोध्या के धरती के शासक हमेशा त्यागपूर्वक राज्य का शासन करते हुए योगमय जीवन जिए हैं।उन्होंने कहा कि महाराज मनु पृथू महाराजा दशरथ प्रभु श्री राम ने योग में जीवन करके शासन किया है।आज उत्तर प्रदेश की जनता का सौभाग्य जागृत हुआ है कि शासक के रूप में योगी जी को प्राप्त करके चारों प्रकार का विकास प्रदेश को प्राप्त हो रहा है,हम महाराज जी के स्वस्थ जीवन की प्रभु से कामना करते हैं।आप इसी प्रकार से राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी ऊर्जा को लगाते रहे,यज्ञ भगवान की कृपा आपके ऊपर बनी रहे।आयोजन समिति के सदस्य आरजी कास्ट विष्णुकांत भूतड़ा पुरुषोत्तम काकानी बाबूलाल मालपानी ओमप्रकाश डागा मिश्रा पेड़ा वाले भक्तों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा प्रसंग में आज भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।”नंद के आनंद भयो,जय कन्हैया लाल की,हाथी घोड़ा पालकी” पर भक्तों ने जन्मोत्सव का खूब आनंद प्राप्त किया।भक्तों को आनंद देने के लिए प्रभु राम और कृष्ण के रूप में इस धरती पर अवतार लेते हैं।स्वामी जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि परमात्मा के चौबीस अवतार चौबीस तत्व के प्रतीक हैं,उसमें प्रमुख रूप से राम और कृष्ण का अवतार एक मर्यादा अवतार है। दूसरा लीला बता रहे राम अवतार लेकर के प्रभु ने मनुष्य को मर्यादापूर्वक जीवन जीने की शिक्षा दिया है।इसलिए राम जी का चरित्र अनुकरणीय है।श्री कृष्णा प्रभु ने लीला किया है, उन्होंने अपने स्वयं मुख से कहा कि मेरा केवल स्मरण करना, अनुकरण नहीं करना।कथा का समय सायं काल चार बजे से शाम सात बजे तक है।श्रद्धालु भक्तजन यज्ञ एवं कथा में पधार कर अपने जीवन को धन्य करें।

(अमिताभ श्रीवास्तव)

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