पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक मुक्त करने की कार्ययोजना तैयार की जाए: जयवीर सिंह

राष्ट्रीय उद्यानों,वन्यजीव अभ्यारण्यों तथा पक्षी विहारों में मौजूद आधारभूत संरचनाओं को संरक्षित किया जाए-अरूण कुमार सक्सेना
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदत्त उपहारों के संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी है।हम अपने ज्ञानवर्धन तथा मनोरंजन के लिए इसका उपयोग करें, ताकि आने वाली पीढ़ी को यह उपहार प्राप्त हो सके,इसके लिए इनका संरक्षण एवं रखरखाव जरूरी है।उन्होंने कहा कि प्रकृति के बिना मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।इसके साथ ही पर्यावरण को बचाने का कार्य भी करना होगा।उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों को रचनात्मक दिशा देने के लिए इको पर्यटन विकास बोर्ड का गठन किया गया है।श्री सिंह आज पर्यटन भवन में वन एवं पर्यावरण,जलवायु परिवर्तन,राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना के साथ इको टूरिज्म के तहत कराये जा रहे विभिन्न कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।बैठक में प्रदेश में बढ़ते टूरिज्म की संभावनाओं और विकास के हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण एक ज्वलंत विषय हो गया है।इस बैठक में डिपाजिट रिटर्न स्कीम पर खासतौर से चर्चा की गयी।इको टूरिज्म एवं पर्यटन स्थलों पर प्रतिबंधित प्लास्टिक एवं प्लास्टिक उत्पादों के कचरे को फैलने से रोकने के लिए सभी स्थलों पर क्यूआर कोड प्रणाली अपनाने पर जोर दिया गया।
श्री सिंह ने कहा कि वन विभाग एवं पर्यटन विभाग इको टूरिज्म विकास बोर्ड के महत्वपूर्ण अंग हैं।प्रदेश में इको पर्यटन विकास के लिए दोनों विभागों को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि इको पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनायें है।इन्हें धरातल पर उतारने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने वन विभाग के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभ्यारण्यों एवं पक्षी विहार में स्थित आधारभूत संचरनाओं के रखरखाव के संबंध में सोसाइटी बनाने एवं उसके ढ़ाचे से संबंधित प्रस्ताव पर कार्यकारी समिति इको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा सहमति प्रदान करते हुए एकल सोसाइटी बनाने के निर्देश दिये।
समन्वय बैठक में मौजूद वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सक्सेना ने पिछली बैठक के एजेंडो के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने सान्डी पक्षी विहार के प्रकरण पर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों एवं वन्यजीव अभ्यारण्यों एवं पक्षी विहारों में स्थित आधारभूत संचरनाओं के संबंध में कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये।साथ ही यूजर चार्जेज एवं टिकटिंग के माध्यम से धनराशि इकट्टा करने के भी सुझाव दिये।वन मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत इको टूरिज्म की प्रस्तावित कार्ययोजना में शामिल की गयी वन क्षेत्र की परियोजनाओं के सुविचारित आगणन तैयार करने पर चर्चा हुई।वन मंत्री ने कहा कि जिन बिन्दुओं पर गहन चर्चा हुई। जनपद मैनपुरी में स्थित समन पक्षी विहार का इको पर्यटन विकास,जनपद फिरोजाबाद में स्थित रपडी का इको पार्क का पर्यटन विकास लखनऊ के प्राणी उद्यान का इको पर्यटन विकास, कतर्निया घाट वन्यजीव अभ्यारण का इको पर्यटन के अंतर्गत विकास तथा जनपद लखनऊ में स्थित कुकैरल का इको पर्यटन के अंतर्गत विकास शामिल है।इसके अलावा बैठक में इको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने के संबंध में भी सहमति बनी।इसके अतिरिक्त विभिन्न वन क्षेत्रों में ट्रैकिंग रूट का चिन्हीकरण एवं ट्रैकिंग के लिए अनुमति दिये जाने की गाइडलाइन तैयार किये जाने पर भी सहमति बनी।इसके अलावा युवा नेचर क्लब गठन के संबंध में दोनों विभागों के मध्य सहमति बनी।श्री सक्सेना ने विभिन्न वन क्षेत्रों के अंतर्गत कराई जा रही सफारी की बुकिंग ऑनलाइन किये जाने तथा सोहगीबरवा वन्यजीव क्षेत्र में सफारी सुविधा निर्वाध चलाये जाने की भी समीक्षा की गयी।साथ ही जल आधारित पर्यटन एवं साहसिक क्रीडा हेतु संभावित क्षेत्रों का चयन एवं अनापत्ति प्रदान किये जाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी।इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम,प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष वन विभाग,प्रबंध निदेशक उ.प्र. वन निगम,सचिव वन,निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र के अलावा वन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

अमिताभ श्रीवास्तव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *