समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश की गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्ययोजना बनाई जाए,ताकि गोशालाओं के गोवंशों के भरण पोषण के लिए सरकार पर निर्भरता धीरे धीरे कम हो सके। गोआश्रय स्थलों में गौजन्य पदार्थों के सदुपयोग से जैविक खाद,गोबर के गमले,गौकास्ट, जैविक कीटनाटक,गोनाइल एवं अन्य उत्पादों को बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाए, इससे जहां रोजगार का सृजन होगा,वहीं गौजन्य निर्मित उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा,जो प्रकृति एवं पर्यावरण के भी अनुकूल होगा।
पशुधन विकास मंत्री ने आज यहां विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में प्रदेश के गौ आश्रय स्थलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि प्रदेश स्तर के अधिकारी अनिवार्य रूप से माह में एक बार गौआश्रयस्थल पर जाए और गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधि,भूसा, चोकर,पानी,प्रकाश एवं स्वच्छता की व्यवस्था सुनिश्चित करायें और निरीक्षण आख्या शासन को उपलब्ध करायें।उन्होंने कहा कि मोबाइल वेटीनरी यूनिट के माध्यम से गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण भी नियमित रूप से सुनिश्चित किया जाए। पशुधन मंत्री ने कहा कि गोआश्रय स्थलों में एकत्रित गोबर तथा गोबर की खाद को किसानों को देकर इसके बदले पराली तथा अन्य हरा चारा प्राप्त किया जाए।हरा चारा बीज तथा हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।कब्जामुक्त गोचर भूमि पर नेपियर घास तथा अन्य चारा बुआई कराई जाए।चरागाहों का स्थल विकास,बीज प्रबंधन एवं सिंचाई प्रबंधन उचित तरीके से किया जाए एवं अन्य विभागों से भी इसमें सहयोग लिया जाए। श्री सिंह ने कहा कि गोशालाओं में कोई भी गाय भूखी न रहने पाये।इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।वर्तमान में अब तक प्रदेश के 7604 गोआश्रय स्थलों पर 1210647 निराश्रित गोवंश संरक्षित किये गये हैं।जिन गौ आश्रय स्थलों में अव्यवस्था या गौवंश की देखभाल संबंधी कोई भी शिकायत संज्ञान में आए वहां तत्काल सुधार किया जाए।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के. रवीन्द्र नायक ने मंत्री श्री सिंह को विभाग की योजनाओं की अद्तन स्थिति से अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।प्रमुख सचिव ने कहा कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किया जायेगा।विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों पर सभी आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और चारा भूसा पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय,पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ पी.एन. सिंह, अपर निदेशक डा. अरविन्द सिंह,अपर निदेशक डा. जयकेश कुमार पाण्डेय, एल.डी.बी.के डॉ नीरज गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।