फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। समाजवादी छात्र सभा ने उत्तर प्रदेश पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024, समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा 2023 को पूर्व की भांति आयोजित करने के संदर्भ में नगर मजिस्टे्रट संजय सिंह को ज्ञापन सौंपा। परीक्षा की अलग-अलग पालियों के प्रश्न पत्रों में प्रश्नों की प्रकृति सरल व कठिन के पहचान की कोई प्रक्रिया नहीं है, इस अंतर को नॉर्मलाइजेशन से भरा नहीं जा सकता है। नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू होने से उपयुक्त परीक्षा परिणाम में भी व्यापक विसंगति आ जाएगी। नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण व विवादित रही है, पूर्व में भी या विभिन्न परीक्षा परिणाम में व्यापक विसंगति उत्पन्न की गई है। स्केलिंग प्रक्रिया पूर्ण में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार व विधिक विवाद का प्रमुख कारण रहे हैं, जिसकी सीबीआई जांच अभी भी विचाराधीन है। परीक्षा परिणाम में विसंगति विधिक विवाद का कारण बनेगी और न्यायिक विलंबिता के कारण परीक्षा प्रक्रिया तय समय में पूर्ण नहीं हो पाएगी, इसका व्यय भार छात्रों पर पड़ेगा। इसी प्रकार नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया भी भ्रष्टाचार के लिए लूपहोल बनेगी व गलत परंपरा को जन्म देगी। उपर्युक्त विषयक परीक्षाओं के प्रकाशित विज्ञापनों में परिवर्तन भी न्याय संगत व वैध नहीं हैं। लोक सेवा आयोग द्वारा एक बार स्पेलिंग की प्रक्रिया का उन्मूलन कर पुन: उसी को लागू करने करना कहीं से भी उचित व तर्कसंगत नहीं है। लोकसेवा आयोग द्वारा मजबूत इच्छा शक्ति से परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर परीक्षाओं को पूर्व की भांति आयोजित कराया जाए। इस अवसर पर सपा जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव, अखिल कठेरिया, सुभाष चंद्र शाक्य, देवेंद्र सिंह यादव, रामपाल सिंह यादव, निजाम अंसारी, राजपाल यादव, पवन यादव, नरेंद्र सिंह यादव, राहुल कुमार, जियाउल हक आदि लोग मौजूद रहे।