संभल हिंसा पर सियासत जारी है. आज सपा का डेलिगेशन संभल जाने वाला था लेकिन पुलिस ने उसे जाने से रोक दिया. पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को घर में नजरबंद कर दिया. इसके अलावा चार सांसदों को भी बॉर्डर पर रोक दिया गया. जिन सांसदों को बॉर्डर पर रोक गया, उनमें मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक, संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क, रामपुर के सांसद मोहिबुल्ला नदवी और मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा शामिल हैं. इन सभी सांसदों को पुलिस ने हाउस अरेस्ट किया गया है. मतलब संभल जाने से रोका गया. मुरादाबाद में सांसद रुचिवीरा रोकी गईं, लखनऊ में सपा प्रदेश अध्यक्ष को नजरबंद किया गया. नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को नजरबंद किया गया. हरेंद्र मलिक, जिया उर रहमान वर्क और मोहिबुल्ला नदवी को गाजीपुर बॉर्डर पर गाजियाबाद पुलिस ने रोका. मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि मेरी समझ में यह नहीं आता कि हमें क्यों रोका जा रहा है. क्या विपक्ष के नेता, सांसद इतने गैर जिम्मेदार हैं कि उन्हें राज्य के भीतर घूमने नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल में संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और कैराना से इकरा हसन भी शामिल हैं. हम क्या कर सकते हैं. यह सरकार एक निरंकुश शासक की तरह काम कर रही है. सपा सांसद रुचि वीरा ने बताया कि हमारी सपा प्रदेश अध्यक्ष से अभी बातचीत हुई है। सपा प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का मैसेज हमें बताया है। रुचि वीरा ने बताया कि जिन पार्टी सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों को संभल जाना था, उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया या रोककर थानों में बैठा रही है।
संभला हिंसा पर सपा ने रखी डिमांड
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश से आज के कार्यक्रम को स्थगित करने के निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सपा का डेलिगेशन जरूर संभल जाएगा। इसकी तारीख जल्दी तय होगी। साथ ही सपा सांसद ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज के नेतृव में कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की है, उनकी देखरेख में जांच होगी, तभी न्याय की कोई उम्मीद होगी।
यूपी सरकार दे 25 लाख रुपये
सपा सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। साथ ही यूपी सरकार से पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायक करने की मांग की है। इस घटना में 5 लोग मारे गए हैं। वहीं सपा की ओर से आर्थिक मदद देने का एलान कर दिया गया है। साथ ही यूपी सरकार से 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने की मांग की है।
आग में घी डाल रही सपा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को पोस्ट कर सपा डेलिगेशन के संभल जाने पर कहा था कि अखिलेश यादव के संभल में प्रतिनिधि मंडल भेजना मुस्लिमों के लिए हमदर्दी नहीं, बल्कि सपा के पक्ष में वोट बैंक साधने की नौटंकी और आग में घी डालने का प्रयास है। वहीं सपा के इस एलान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने शनिवार को कहा कि संभल घटना के मुख्य अपराधी के रूप में देखा जाए तो वो समाजवादी पार्टी है। उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जो करारी हार हुई है, जो जख्म लगा है, उसे वे भूला नहीं पा रहे। समाजवादी पार्टी का संभल में प्रतिनिधिमंडल भेजना एक नौटंकी है। वोट बैंक साधने की राजनीति है।