शिक्षकों की समस्याओं का सरकार पहले करे समाधान
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 से कम नामांकन वाले स्कूलों को बंद करने निर्णय लिया। जिस उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने औचित्यहीन बताते हुए प्रदेश स्तरीय विरोध करने का निर्णय लिया। जिला मंत्री राजकिशोर शुक्ल ने बताया कि गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए पिछली सरकारों ने हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय और हर तीन किलोमीटर पर जूनियर हाईस्कूल संचालित किए थे। इन स्कूलों की समस्या समाधान करने के बजाय सरकार उन्हें बंद करने पर आमादा है। जिससे शासन खुद ही अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है। गौरतलब है कि जब गांव में ही स्थित स्कूल में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए पूरे वर्ष जोरदार कोशिश की जा रही है फिर दूरस्थ स्कूलों में बच्चे पढऩे जायेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। फिलहाल खबर मिली है कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश व्यापी विरोध के चलते सरकार बैकफुट पर है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री राजकिशोर शुक्ला ने बताया कि जानकारी प्राप्त हुई है कि महानिदेशक कंचन वर्मा ने ५० से कम नामांकन वाले स्कूलों को बंद करने का निर्णय वापस ले लिया है।