हिन्दी पखवारे के अन्तर्गत विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अंतरराष्ट्रीय संस्था हिंदी साहित्य भारती के तत्वाधान में तथा केंद्रीय अध्यक्ष रविंद्र शुक्ला के निर्देशन में हिंदी पखवारे के अंतर्गत शिक्षिका व साहित्यकार भारती मिश्रा के आवास पर काव्य गोष्ठी एवं मंथन आज की हिंदी की दशा पर चर्चा का आयोजन हुआ। संयोजन उपकार मणि उपकार ने किया तथा संचालन महेश पाल सिंह उपकारी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गजलकार नलिन श्रीवास्तव ने की। मुख्य अतिथि रामाऔतार शर्मा इन्दु व विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में अभिव्यंजना के सह समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह ने अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। राममोहन शुक्ला ने पंक्तियां पढ़ीं छप्पन भोग लगाऊं किसको, नहीं कोई है खाने को, अपना दर्द सुनाऊं किसको यहां सब बैठे हैं सुनाने को। भारती मिश्रा ने पंक्तियां पढ़ीं इन तमाम खुलासों से क्या होगा, इन बेमतलब तमाशों से क्या होगा, जिन्हें दूध में नहाने का चस्का है, भला ऐसे बताशों से क्या होगा। कौशलेंद्र यादव वेबाक ने पंक्तियां पढ़ीं हमारी आन बान शान है हिंदी, हमारे राष्ट्र का परिधान है हिंदी। महेश पाल सिंह उपकारी ने पंक्तियां पढ़ीं जीवन का कोई क्षण मित्रों करो नहीं बर्बाद, चौबीस घंटे में उस प्रभु को कुछ पल तो कर लो याद, उपकार मणि ने पंक्तियां पढ़ीं हमेशा तैयारी से चलो, बुरा वक्त तो कह कर नहीं आता, भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा सभी भाषाएं अपने-अपने राष्ट्र की भाषाएं हैं और हर भाषा का अपना भूगोल है। इस दृष्टि से हिंदी का भूगोल बहुत बड़ा है। कार्यक्रम में आए हुए समस्त साहित्यकारों का भारती मिश्रा ने सम्मान किया।

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