संस्कार भारती द्वारा चल रही कार्यशाला का हुआ समापन

छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम किये प्रस्तुत
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा एक माह तक चलने वाली कार्यशाला का समापन हुआ। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि पल्लव सोमवंशी, प्रधानाचार्या सुमन त्रिपाठी, प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पांडेय, सुनील अग्रवाल, डॉ0 नवनीत गुप्ता एवं कला साधकों ने दीप प्रज्वलन एवं ज्ञान की देवी सरस्वती का पूजन अर्चन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। छात्रों ने बंधन एवं ध्येय-गीत के साथ दीक्षान्त समारोह में नृत्य, कथक नृत्य के साथ ईश वंदना, गुरु वंदना कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रधानाचार्य सुमन त्रिपाठी ने कहा संस्कार भारती के राष्ट्र भक्त कला साधक जिन्होंने एक माह बच्चों में जीवन का लक्ष्य, जीवन जीने की शैलीय संस्कारों द्वारा ज्ञान के दीपकों को प्रज्वलित किया। उन्होंने सदैव समाज और परिवार में ज्ञान का दीप से दीप जलाए रखने का आवाह्न किया। उन्होंने वे सच्चे देशभक्त है जो राष्ट्र भक्ति के साथ अच्छे नागरिक निर्माण करने का कार्य कर रहे हैं और नया भारत निर्माण में सहयोग दे रहे हैं। एक माह तक छात्र-छात्रों को कलाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया, उन सभी का आभार व्यक्त किया।
सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर 8 विधाये, 64 कलाओं में संस्कार भारती कार्य कर रही हैं। कला के इष्ट देव नटराज भगवान शंकर 16 कलाओं के अवतारी, भगवान कृष्ण की परंपरागत सनातन संस्कृति का कार्य संस्कार भारती के कला साधक गुरु शिष्य की परंपरा में कर रहे हैं।
डॉ0 पल्लव सोमवंशी ने कहा वर्तमान समय में जबकि मानव जीवन मोबाइल संकट में व्यस्त रहता है, तो ऐसे समय में वैश्वीकरण युग में पश्चात संकेत प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। ऐसे समय में संस्कार भारती भारतीय संस्कृति में परिवार बनाने का कार्य कर रही है और पाश्चात्य संस्कृति बाजार उत्पन्न कर रही है। दोनों में बड़ा अंतर है। परिवार में संस्कार होते हैं और बाजार में स्वार्थ उपभोक्ता उत्पन्न होते हैं। संस्कार भारती के सदस्य भारतीय संस्कृति को संरक्षण दे रहे हैं, बच्चों में पारिवारिक संस्कार देने की सहाराना की और सभी का आभार व्यक्त किया।
कथक नृत्य में संगीत नाटक अकादमी लखनऊ से सुस्मिता शुक्ला एवं कुंवारी स्नेहा श्रीवास्तव, लोक नृत्य रजनी लौगवानी एवं कोमल शर्मा, ढोलक किरण त्रिवेदी, सिलाई कढ़ाई साधना श्रीवास्तव, चित्रकला हस्तकला नेहा श्रीवास्तव, मेहंदी प्रिया वर्मा, सौंदर्य कला (ब्यूटीशियन) में हेमलता श्रीवास्तव, रंगोली विधा में साधना श्रीवास्तव, हेमलता श्रीवास्तव के निर्देशन में लगभग ढाई सौ छात्र-छात्राओं को कला के माध्यम से आत्म निर्भर किया गया।
छात्रों ने गीत संगीत के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कत्थक भाव नृत्य में गुरु वंदना, महाभारत की कथाओं पर मनमोहक भाव नृत्य की प्रस्तुति दी। दूसरी ओर लोक नृत्य लावणी नृत्य, डांडिया नृत्य के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों ने सभी का मन मोह लिया और बच्चों को पुरस्कार भी दिए गए। कार्यशाला शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। डॉ0 नवनीत गुप्ता अध्यक्ष, कुलभूषण श्रीवास्तव सचिव, नरेंद्र नाथ मिश्रा, सर्वेश श्रीवास्तव, अरविंद दीक्षित, रविंद्र भदौरिया, प्रितु वर्मा, अनुभव सारस्वत, संजय गर्ग, निमिष टंडन, डॉ0 ज्योति गुप्ता, पूनम पांडेय ने आभार व्यक्त किया। संचालन अरविंद ने किया। छात्र-छात्राओं को उनके अभिभावकों व नगारिकों ने प्रोत्साहित किया। अनिल प्रताप सिंह, अनुराग पांडेय रिंकू, भूपेंद्र प्रताप सिंह, अर्पण शाक्य, उपकार मणी उपकार, राकेश अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, समरेंद्र शुक्ला, आदेश अवस्थी, दिलीप कश्यप, राज गौरव पांडेय, अमित सक्सेना आदि ने बच्चों को पुरस्कार दिए। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गीत के साथ हुआ।

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