कवियों ने काव्यपाठ कर कंचन को किया याद
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था वीणा साहित्य परिषद के तत्वावधान में आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन को समर्पित पुस्तक (ऐसे थे आचार्य कंचन) का विमोचन किया।
रविवार को शहर के महादेव प्रसाद स्ट्रीट नटराज भवन में अयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय कवि डा0 शिवओम अंबर, वरिष्ठ कवि राम अवतार शर्मा इन्दु, संस्था अध्यक्ष दिलीप कश्यप, संयोजक राम मोहन शुक्ल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि डॉ0 शिवओम अंबर ने कहा कि साहित्य-संगीत और कला के त्रिवेणी संगम स्मृति शेष गुरुवर आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन पांचाल क्षेत्र में सारस्वत चेतना के अक्षय ज्योतिर्वलय रहे हैं जो कल भी प्रासंगिक थे और कल भी समसमायिज्क रहेंगे। पुस्तक के संपादक इन्दु ने (ऐसे थे आचार्य कंचन) पुस्तक में उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किये। वह समय की स्फटिक शिला पर अक्षत बनकर सुशोभित होगा। उन्होंने पंक्तियां पड़ी राम हमारा कर्म हैं, हमारा धर्म हैं, हमारी गति हैं, हमारी शक्ति हैं, हमारी भक्ति हैं, हमारी मति हैं। बिना राम के आदर्शों का चर्मात्कर्ष कहां है, बिना राम के इस भारत में भारतवर्ष कहां है। प्रोफेसर राम बाबू मिश्र ने कहा कि पुरुषोत्तम आचार्य उत्तोत्तम साहित्यकार श्रेष्ठ संगीतकार एवं कला साहित्य कंचन के चतुर्भुज आयाम है। वे राष्ट्रीय स्वयं संघ के संस्कारित कार्यकर्ता थे। डॉक्टर संतोष पाण्डेय ने मौसम के बदलते मिजाज पर छंद पढ़े। राम शंकर अवस्थी ने कृष्ण और राधा को भक्ति के छंद पढ़ा। संयोजक राम मोहन शुक्ल ने न तेरे और न मेरे बुलाने से आएगी, मौत जब आएगी बहाने से आएगी पंक्तियां पढ़ीं।
महेशपाल सिंह उपकार, उपकार मणि, विशाल श्रीवास्तव, दिनेश अवस्थी आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन सुरेन्द्र पाण्डेय ने किया। अध्यक्ष दिलीप कश्यप ने सभी का आभार व्यक्त किया। व्यवस्था नीरज शर्मा ने संभाली। इस अवसर पर जवाहर सिंह गंगवार, डा0 रविंद्र यादव, दीपक रंजन सक्सेना, अरविंद दीक्षित, राम मुरारी शुक्ल, संजय गर्ग, अर्पण शाक्य, भूपेंद्र प्रताप सिंह, रविन्द्र भदौरिया, मनोज दीक्षित, सुनील अवस्थी, अमित सक्सेना, प्रवीण, जितेंद्र सिंह, उदय पाल, मनोज कश्यप, राज गौरव पाण्डेय, धीरज सिंह, संजीव वर्मा, शशिकांत पाण्डेय आदि लोग मौजूद रहे।