दो भइयो समेत चार को अपहरण व फिरौती के मामले में 10 वर्ष का कारवास

*एक लाख 74 हजार का जुर्माना, पीडि़ता को मिलेगा जुर्माने का आधा पैसा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
अपरहण व फिरौती के मामले में अपर जिला जज एन्टी डकैती कोर्ट न्यायाधीश कृष्ण कुमार सिंह ने मोहम्मद फैयाज, मोहम्मद अय्याज पुत्रगण मोहम्मद नियाज निवासी गऊटोला कायमगंज, इंद्रपाल ठाकुर पुत्र युधिष्ठर निवासी वौरा कम्पिल वर्तमान शिकन्द्रराराउ, तेजसिंह उर्फ साधू पुत्र तालेवार निवासी गंगूपुर कम्पिल को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का कारवास व १ लाख ७४ हजार रुपये से दण्डित किया।
विगत 32 वर्ष पूर्व कोतवाली कायमगंज के ग्राम आताईपुर निवासी छोटेलाल पुत्र कालीचरण ने पुलिस को दी तहरीर में दर्शाया था कि उसका पुत्र डब्बू उर्फ सुभाष गांव के लक्ष्मी, अरविंद, रघुवीर, पन्नलाला के साथ कायमगंज में रामबारात देखने के लिए गया था। करीब रात 1 बजे ग्राम कटरा गांव के निकट बाग से पांच बदमाशों ने नाजायज असलहों से पुत्र को घेर लिया। सभी बच्चों से उनके नाम पूछे व नाम पूछने के बाद मेरे पुत्र सुभाष को पकड़कर अपने साथ ले गए और सभी बच्चों से कहा तुम यही बैठो अगर इधर उधर हिले तो गोली मार देंगे। उसके बाद बच्चों ने मुझे गांव आकर घटना की जानकारी दी। जिसके बाद मैने काफी खोजबीन की, लेकिन मेरा पुत्र नहीं मिला। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अपहरण की धारा में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने खोजबीन कर लगभग 15 दिनों के बाद मोहम्मद अय्याज की कोठरी से बदमाशों की पकड़ से सुभाष को बरामद किया। सुभाष ने अपने बयान में कहा कि मुझसे बदमाशो ने फिरौती मांगने के लिए एक पत्र लिखवाया था। पुलिस ने अपहरण व फिरौती मांगने के मामले न्यायालय में महेश, सर्वेश, तेज सिंह उर्फ साधू, मोहम्मद फैयाज, मोहम्मद अय्याज, इंद्रपाल के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय, भानू प्रकाश मिश्र, संजीव कुमार मिश्र की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जिला जज एन्टी डकैती कोर्ट न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने अपहरण व फिरौती के मामले दोषी करार देते हुए मो0 फैयाज, मो0 अय्याज, इंद्रपाल, साधु को 10-10 वर्ष के कारवास से दण्डित किया। मो0 अय्याज, मो0 फैयाज, इंद्रपाल ठाकुर प्रत्येक को 46 हजार का अर्थदण्ड से दण्डित किया। साधु को 36 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया। महेश की पत्रावली पृथक कर किशोर न्यायालय में चली गयी। मुकदमा विचारण के दौरान सर्वेश की मृत्यु हो गयी थी।

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