आरोपों को लेकर आचार्य कुणाल किशोर का पलटवार।

-आरोप लगाने वाले संतों पर कार्रवाई करें हनुमानगढ़ी या खेद व्यक्त करें संत।

समृद्धि न्यूज़ अयोध्या।बीती 22 जुलाई को रामनगरी की प्रसिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के कुछ संतों द्वारा प्रेस वार्ता कर लगाए गए आरोपों के जवाब में गुरुवार को पटना महावीर मंदिर के सचिव पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल मीडिया से मुखातिब हुए।सचिव श्री कुणाल ने कुछ संतो की ओर से लगाए गए आरोपो को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि पटना महावीर मंदिर का यहां से कोई संबंध नही है।उनका दावा कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है।ऐसे में हनुमानगढ़ी के कुछ संतो द्वारा लगाए गए आरोप औचित्य विहीन है।इस मामले में हनुमानगढ़ी उन संतों के खिलाफ कार्यवाही करें या फिर आरोप लगाने वाले संत इसके लिए खेद व्यक्त करें।आरोप लगाने वाले कुछ संतों द्वारा संस्था को जेबी संगठन कहे जाने को हास्यास्पद करार देते हुए सचिव श्री कुणाल ने कहा कि जिस ट्रस्ट के अध्यक्ष माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति हो और ट्रस्टी कई प्रांतों के वरिष्ठ न्यायमूर्ति तथा वरिष्ठ अधिकारी हों,वह जेबी संगठन नही होता।अपनी आय को लेकर लगाए गए आरोप का जवाब देते हुए श्री कुणाल ने कहा कि वे वर्ष 2016 से महत्वपूर्ण सरकारी पदों में रहे हैं और लगातार आयकर जमा किया है जिसकी जांच वे किसी भी स्वतंत्र एजेंसी कराने को सहर्ष तैयार हैं।ट्रस्ट की आय से जुड़े आरोप का जवाब देते हुए सचिव श्री कुणाल ने कहा कि इस आरोप की सत्यता केवल इसी बात से परखी जा सकती है कि हम लोगों के आने की पूर्व आय 11 हजार रुपए वार्षिक थी जो अब 10 लाख रुपये प्रतिदिन तक पहुंच गई है और इसका पूरा लेखाजोखा भी सुरक्षित है जिसकी जांच किसी भी एजेंसी से कराई जा सकती है लेकिन आरोप लगाने वाले संत भी यह बताएं कि हनुमागढ़ी की आय कितनी है?उन्होंने कहा कि यदि इस मामले को लेकर मैं हाईकोर्ट चला गया तो कई लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।उन्होंने कहा कि मैं किसी पर पहले प्रहार नही करता लेकिन यदि कोई पहले प्रहार करता है तो उसको कानूनी जवाब देना भी जानता हूँ।श्री कुणाल ने कहा कि कुछ संतो द्वारा पांच सौ साधुओं को साथ लेकर पटना महाबीर मंदिर कब्जा करने की भी बातें कही जा रही है तो उनके लिए केवल इतना ही बताना चाहूंगा कि ऐसे लोगों के लिए कानून में व्यवस्था की गई है और उन्हें उसी व्यवस्था के रूप में जवाब दिया जाएगा।

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