साक्ष्य मिटाने के मामले में पत्नी व मां भी दोषी करार, 24 को होगी सजा पर सुनवाई
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फिरौती न मिलने पर किशोरी की हत्या कर देने के मामले में विशेष अपर जिला जज पाक्सो न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने आरोपी चन्द्रशेखर श्रीवास्तव पुत्र सुरेशचन्द्र को दोषी करार दिया व आरोपी की पत्नी गीता देवी व मां कुसुमलता को साक्ष्य मिटाने के मामले में दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
विगत वर्ष 13 अक्टूबर 2020 को कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र के खिमसेपुर निवासी समरपाल पुत्र मैकूलाल ने दी गयी तहरीर में दर्शाया था कि मेरी 10 वर्षीय पुत्री को 13 अक्टूबर 2020 को शाम 5 बजे से गुम हो गयी थी। काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिली। पुलिस ने धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
घटना के दो दिन बाद मेरे पुत्र रामू ने पुलिस को बताया कि मेरी बहन घर से गुम हो गई थी। जिसका मुकदमा दर्ज है, तब से हम काफी खोजबीन कर रहे। 14 अक्टूबर को मेरे चचेरे भाई सुरजीत के मोबाइल पर मेरी बहन के मोबाइल से फोन आया कि 5 लाख रुपये फिरौती के रुप में मांग की और दो दिन का समय दिया। घटना पुलिस को बताई। जांच के दौरान पता चला कि पड़ोसी चन्द्रशेखर पुत्र सुरेशचन्द्र ने मेरी बहन का गैंसिगपुर गैस प्लांट के पास मोबाइल को खोला गया और उसमे 49 रुपये का रिचार्ज करवाया। फिरौती की मांग की। पुलिस ने किशोरी का शव व मोबाइल फोन चन्द्रशेखर के घर से बरामद किया। पुलिस ने हत्या व फिरौती मांगने व उसकी मां व पत्नी, पिता को साक्ष्य मिटाने के मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा विचारण के दौरान सुरेशचन्द्र की मृत्यु हो गयी थी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष पाक्सो एक्ट न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने आरोपी चन्द्रशेखर, कुसुमलता, गीता को दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। सजा के बिंदु पर 24 जुलाई की तिथि नियत की गई है।