समृद्धि न्यूज| उत्तर प्रदेश में करीब ढाई करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अडाणी समूह का ठेका रद्द करने का आदेश दिया गया है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने प्रीपेड मीटर का ये टेंडर निरस्त किया है.मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने प्रीपेड मीटर का ये टेंडर रद्द किया है. खबरों के मुताबिक, यूपी में करीब 25000 करोड़ का रुपये का ये ठेका है, इसके तहत 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने थे. हालांकि स्मार्ट मीटर न लगने से फौरी तौर पर बिजली उपभोक्ताओं को भी कीमतों को लेकर राहत मिल सकती है. केवल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का 5400 करोड़ रुपये का टेंडर था. करीब 10,000 रुपये से अधिक लागत आ रही थी, इसके बाद इस निविदा को रद्द कर दिया गया. स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन में स्मार्ट मीटर की दर 6000 तक है. रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड ने ये दरें तय की हैं.
पश्चिमांचल, पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के ऐसे टेंडर्स पर भी तलवार लटकी है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने निश्चित लागत से 40 फीसदी अधिक रेट को देखते हुए अदाणी ग्रुप के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी किया है. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में भी ऐसे ही टेंड दिए गए हैं. हालांकि टेंडर निरस्तीकरण पर आखिरी फैसला सेंट्रल स्टोर परचेज कमेटी लेगी. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अपने एरिया में 70 लाख स्मार्ट मीटर खरीद का सौदा किया गया था. इन स्मार्ट मीटर की लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये रही थी.
गौरतलब है कि बिजली चोरी की सभी आशंकाओं को खत्म करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाने का आदेश दिया है. वहीं इस साल बिजली की दरें भी 15 से 23 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. लेकिन ऐसे प्रस्ताव को अभी सरकार की ओर से कोई मंजूरी नहीं दी गई है. सरकार ने बिजली कनेक्शन की दरें 20 फीसदी बढ़ाने का फैसला पहले ही वापस कर दिया है