फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। लाइसेंसी बंदूक से जान से मारने की नियत से फायर कर देने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त बेचेलाल व अवधेश को दोषी करार देते हुए सुनवाई के लिए १६ दिसम्बर की तिथि नियत की है।
वर्ष 1997 को थाना राजेपुर के ग्राम वमियारी निवासी पीडि़त ने पुलिस को दी तहरीर में दर्शाया कि 1 मई 1997 को गांव के सुंदर सिंह बैलगाड़ी से भूसा ढो रहे थे। सुबह एक बैलगाड़ी से भूसा लेकर घर आये थे। जिससे मेरा चबूतरा गिर गया था। जब हम लोग बाहर से आये तो देखा कि चबूतरा गिरा था। करीब 6:30 बजे दोबारा भूसा लेकर आये तो मेरे ताऊ मित्रपाल व कुंवर पाल ने चबूतरा गिर जाने का विरोध किया और कहा कि दूसरे रास्ते से क्यों नहीं भूसा ले जाते हो। इतने में सुंदर पुत्र हरसहाय व उसका भाई बांकेलाल व बेंचेलाल तथा लडक़ा अवधेश गाली-गलौज करने लगे। गाली-गलौज का विरोध किया तो उक्त लोग मारपीट करने लगे तथा सुंदर सिंह अपने घर से लाइसेंसी लाया और फायर कर दिया। गोली मेरे ताऊ के लगी और वह बेहोश होकर गिर गये। कुंवर पाल के शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गये। जिनके ललकारने पर आरोपीगण भाग गये। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त बेचेलाल व अवधेश को दोषी करार देते हुए सुनवाई के लिए 16 दिसम्बर की तिथि नियत की है। वहीं मुकदमा विचारण के दौरान दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है।