परमात्मा शिव सूरज चांद तारागण के पार सूक्ष्म शरीर धारी ब्रह्मा विष्णु शंकर के धामो से भी पार परमधाम में निवास करते है :दीपा दीदी

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जटवारा जदीद अंगूरी बाग द्वारा रतन कोल्ड स्टोर कादरी गेट में गीता ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ राज योगिनी ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने ओम की ध्वनि एवं राजयोग के साथ सरस गीता ज्ञान कथा का वाचन किया। उन्होंने कहा हमारे पूर्वज देवतायी संस्कारों को स्मरण करना चाहिए, जैसा हम सोचेंगे वैसा ही बनेंगे हर बात में कल्याण समाया हुआ है। इसलिए निश्चिंत रहना चाहिए, परमात्मा शिव जो पढ़ाई पढ़ रहे हैं, इससे बैकुंठपुरी में जाएंगे। श्रीकृष्णा के घराने में उच्च पद पाएंगे, सतयुग त्रेता, आधा कल्प दिन होता है, द्वापर कलयुग आधा कल्प रात होती है। इस समय संगम पर बच्चे भी याद करते हैं और भक्त भी याद करते है,ं लेकिन बच्चे संपूर्ण बरसे के अधिकारी बनते हैं। प्रेम से बस दो घड़ी प्रभु का ध्यान कीजिए। गीत पर योगाभ्यास कई बार कराया।
भारत से पश्चिम दिशा द्वारिका में हमारे पूर्वज निवास करते हैं। इस समय सारी दुनिया एटम बम द्वारा महा विनाश के कगार पर बैठी हुई है। रूस यूके्रन आदि जो आए दिन युद्ध चल रहे हैं यह महाविनाश का संकेत है। किसी भी समय इसका विनाश हो सकता है। इसलिए हमें अपने आप को योगाभ्यास के द्वारा सशक्त बनाना है। परमात्मा को धन्यवाद करें जिसने मुझे इतना सुंदर शरीर दिया है। परमात्मा शिव सूरज चांद तारागण के पार सूक्ष्म शरीर धारी ब्रह्मा विष्णु शंकर के धामो से भी पार परमधाम में निवास करते है।

वहां ही हमें अपने मन को एकाग्र करना है और अपने कर्म क्षेत्र पर भी वापस लाना है ऐसा दिन में कई बार करें यही मन मनाभव है योगी ब्रह्म मुहूर्त में जागता है भोगी सोता है गीता में भगवान ने कहा अर्जुन निद्रा जीत बनो अमृतवेले अमृत गया आलसी सोता गया आज घर अलमारी गाड़ी सब कुछ सेट करते हैं लेकिन मन अपसेट रहता है अविनाशी रूद्र गीता ज्ञान यज्ञ में जो तेल घी मेवा कहा स्वाहा करने की बजाय हम अपने विकारों रूपी काम क्रोध लोभ मोह अहंकार ईष्र्या आदि को स्वाहा करना है सारे विश्व में अशुद्धियों रूपी विकार फैले हुए हैं इनको परमात्मा की याद से समाप्त करना है और जो यहां भी यज्ञ करते हैं उससे वातावरण हमारा शुद्ध होता है यज्ञ से वर्षा होती है वर्षा की उत्पत्ति से अन्य पैदा होता है आत्म चिंतन से मन स्वस्थ रहता है अविनाशी रूद्र यज्ञ में बुराइयों को स्वाहा करते हैं इसके लिए आपने प्रत्यक्ष में लोगों से एक.एक बुराई चिट पर लिख करके यज्ञ में स्वाहा करवाई यज्ञ की सेवा करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है सुदामा चरित्र का बहुत सुंदर रासलीला के द्वारा दिखाए सुदामा ने कहा मेरे शरीर की दुर्दशा पर न जाकर मेरे बाल सखा कृष्ण को मेरा संदेश दो जब द्वारपालों ने संदेश देने से मना कर दिया तो सुदामा जी अनशन पर बैठ गए। अंतत: भगवान श्री कृष्ण और सुदामा का मधुर मिलन देखकर भक्तों का हृदय गदगद हो गया और सारा पंडाल खुशी और आंखें आंसुओं से नम हो गभगवान ने सुदामा की पोटली के चावल खाकर सुदामा को गरीबी से मुक्त कर दिया आपने कहा इसी प्रकार हमारे मूल्य चरित्र नैतिकता को रूपी गुणो से परमात्मा हमें भरपूर कर गरीबी से मुक्त करते हैं और सद्गुणों से भरपूर कर देते हैं ब्रह्मा कुमार निलेश ने कहा तीर्थ स्थान पर दर्शन करने जाते हैं तो कुछ समय के लिए हमारा मन पवित्र होता है लेकिन परमात्मा की याद करने से हमारा मन हमेशा के लिए पवित्र हो जाता है जब माउंट आबू जाते हैं बाबा से मिलन मानते हैं हमें परमात्मा के समान दिव्या गुणोको धारण करना है जो किसी को कष्ट नहीं देता है वहीं परमात्मा के समीप है चना अर्थात उल्टा करने पर होता नाच अर्थात खुशी से मिल वाट कर वस्तुओं को ग्रहण करना चाहिए तो हम सभी में समानता आएगी तन मन धन सब कुछ परमात्मा पर समर्पित कर देते हैं तो हम निश्चल भाव हो जाते हैं हमें किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती है। ब्रह्माकुमारी सुमन दीदी ने कहा परमात्मा का स्मरण करने से हमारी आत्मा पवित्र होती है परमात्मा ने सहज विधि बताई है स्वयं को आत्मा समझ परमात्मा को याद करो शुद्ध चिंतन पवित्र विचार आत्मा का भजन है निरंतर इसका भोग लगाते रहोगे तो निश्चित रूप से एक दिन आप देवता बन जाएंगे इसमें जरा भी संदेह नहीं ह।ै शोभा दीदी ने दीपा दीदी को आत्म स्मृति का तिलक बैच लगाकर सौगात देकर स्वागत किया एवं आए हुए अतिथियों भक्तों का हृदय से आभार व्यक्त किया। सभी भाई बहनों एवं ब्रह्मा कुमार भाई बहनों ने शोभा दीदी का समर्पण दिवस भी बड़ी धूमधाम से मनाया। अनीता चतुर्वेदी, ब्रह्मा कुमार, सुआलाल मिश्र, शालिनी मिश्रा ने दीपा दीदी एवं उनके साथ आए हुए भाई बीके शरद निलेश हरि बहने निराली प्रियंका जानवी एवं माउंट आबू से आए हुए विजय शंकर मोहित अरविंद भाई का शाल दुपट्टा पुष्प गुच्चो से स्वागत किया। ब्रह्मा कुमार, निलेश ने संचालन किया। कार्यक्रम में डॉ0 आशुतोष चतुर्वेदी, हेम चंद्र, ज्योति दीदी, गीता, पूनम, एकता, रामकिशोर, राजन, भारत सिंह, रामावतार कुशवाहा, गंगा सिंह, रवि प्रवीण, माधुरी उर्मिला उमाशंकर आदि मौजूद रहे।

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