फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के न्यायालय में परिवादी अली जमा खॉ ने शाखा प्रबंधक ग्रामीण बैंक ऑफ आयावर्त शाखा अताईपुर एवं चेयरमैन ग्रामीण बैंक ऑफ आयावर्त शाखा लखनऊ के विरुद्ध दर्ज कराये गये परिवाद दिनांकित 28.08.1995 में कहा था कि दिनांक 23.03.1995 व 25.03.1995 को उसके द्वारा अपने बचत खाता संख्या 1843 में जमा की गयी धनराशि मु0 5,500/- एवं 14,000/- रुपये की धनराशि परिवादी को मय समुचित प्रतिकर एवं मय ब्याज विपक्षीगण से दिलाये जाने की गुहार लगायी थी। इसके तत्पश्चात उसने 10 हजार रुपये निकालने के लिए चेक भरा। किन्तु बैंक कर्मचारियों ने चेक का भुगतान नहीं किया और कहा गया कि परिवादी के खाते में धनराशि नहीं है। जिस पर उसने कारण पूछा, तो बताया गया कि परिवादी के खाते से अधिक भुगतान हो जाने की वजह से उपरोक्त धनराशि काट ली गयी। बैंक द्वारा इस संबंध में कोई सही जानकारी परिवादी को नहीं दी गयी। जिस पर परिवादी ने इस संबंध में कई प्रार्थना पत्र व नोटिस दिये, लेकिन बैंक ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष नरेश कुमार ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया है कि वह परिवादी को मु0 19 हजार रुपया मय 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर से परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 28.08.1995 से अदायगी की तिथि तक एवं परिवाद व्यय के रुप में मु0 15 हजार रुपया निर्णय की तिथि से 30 दिन के अंदर अदा करना सुनिश्चित करें। निर्धारित समय में उक्त धनराशि अदा न करने पर ब्याज की दर 8 प्रतिशत वार्षिक के स्थान पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से देय होगी।