लोकतंत्र सेनानी सम्मेलन: आपातकाल के कालखंड को किया गया याद

लोकतांत्रिक अधिकारों की अहमियत लोकतंत्र सेनानियों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता: एसपी
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
मेला रामनगरिया के सांस्कृतिक पंडाल में लोकतंत्र सेनानी सम्मलेन/गंगा प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक विकास कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर जिलाधिकारी सुभाष चन्द्र प्रजापति मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आपातकाल लोकतंत्र सेनानी समिति के प्रदेश अध्यक्ष ब्रज किशोर मिश्र एडवोकेट ने की।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों की अहमियत लोकतंत्र सेनानियों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करना पुलिस का प्रथम कर्तव्य है और इसमें बाधा बनने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जनपद को अपराधमुक्त करने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है और इस कार्य में लोकतंत्र सेनानियों का सहयोग पुलिस के लिए बेहद अहम है। कार्यक्रम संयोजक ब्रज किशोर मिश्र एडवोकेट ने कहा कि 25 जून 1975 को आजाद भारत एक बार फिर आंतरिक गुलामी की बेडिय़ों में जकड़ गया था। आपातकाल के कालखंड को याद करते हुए उन्होंने कहा तानाशाही सरकार ने न अपील, न वकील, न दलील के सिद्धांत पर आपातकाल का विरोध करने वाले समस्त राजनेताओं, विद्याथियों को जेल की काल कोठरियों में डाल दिया गया था और अनेकों प्रकार की अमानवीय यातनाएं देकर आन्दोलन को कमजोर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जनता के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात कर तत्कालीन तानाशाह ने आचार्य विनोवा भावे तक को अपमानित किया था, किन्तु 7 तालों के भीतर कुम्भकरणी नींद सोयी सरकार कों उखाड़ फंेकने की कसम खा चुके लोकतंत्र रक्षक हटे नहीं, डिगे नहीं, डटे रहे।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी सुभाष चन्द्र प्रजापति ने कहा कि भारत में अनादिकाल से ही गंगा जीवनदायिनी और मोक्ष दायिनी रही है। माँ गंगा भारतीय संस्कृतिए सभ्यता और अस्मिता की प्रतीक रही हैं। गंगाजी की अविरल और निर्मल सतत् धारा के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती। माँ गंगा की स्वच्छता को लेकर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार लगातर कड़े कदम उठा रही है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लोकतंत्र सेनानी राम सनेही कनौजिया, मधु राठौर, राम लखन मिश्रा, रमेश राघव, राजेंद्र त्रिपाठी, चंद्रशेखर कटियार, वीरेंद्र कटियार, अरुण कटियार, सोनेलाल, राम सिंह बाथम, राधेश्याम वर्मा, विजय वर्मा, जमादार सिंह यादव, मकबूल बेग, विजय पाल सिंह, सतीश शुक्ला, मनोरमा मिश्रा, लाल मोहम्मद, राजीव कटियार, अवनीश कटियार, रवि मिश्रा, आदित्य दीक्षित, राहुल मिश्रा, रजनीश बाजपेई आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि ब्रजकिशोर सिंह ने किया।

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