फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जानलेवा हमले के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त धर्मेन्द्र उर्फ चिक्कू, लटूरी, चिन्टू व नीलू को दोषी करार दिया। सजा पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि नियत की गई है।
कोतवाली मोहम्मदाबाद के गैसिंगपुर निवासी महेन्द्र चन्द्र पुत्र ज्ञानी प्रसाद जाटव ने पुलिस को दिये प्रार्थना पत्र में दर्शाया था कि 30 जनवरी 2010 को सुबह करीब ८ बजे मैं और मेरी पत्नी देवरानी व मानसिंह पुत्र श्रीराम चन्द्र व रामआसरे पुत्र रैवारी लाल के साथ गंगा नहाने जा रहे थे। जैसे ही प्राथमिक स्कूल के पास पहुंचे, तभी गांव के धर्मेन्द्र उर्फ चिक्कू, लटूरी, चिन्टू पुत्रगण नन्हे सिंह व चिक्कू का साला नीलू मिले और कहने लगे कि मेरी तरफ बहुत देखता है।
इस दौरान आरोपीगण गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर आरोपियों ने नाजायज असलाहों से जान से मारने की नियत से फायर कर दिया। गोली मेरे पैर में लगने से मैं गंभीर रुप से घायल हो गया था। पीडि़त का आरोप है कि आरोपियों से एक वर्ष पूर्व पुत्री के विवाह में विवाद हो गया था। उसी के कारण आरोपी रंजिश मानते थे। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 307/34, 504 व एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त धर्मेन्द्र उर्फ चिक्कू, लटूरी, चिन्टू व नीलू को दोषी करार दिया। सजा पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि नियत की गई है।