कवियों एवं शायरों को शाल ओड़ाकर किया गया सम्मानित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फतेहगढ़ महोत्सव के गंगा जमुनी कवि सम्मेलन व मुशायरे में कौमी एक जेहती की बयार बही। कविओं व शायरों ने अपने कलामों के जरिए इंसानियत का पैगाम दिया। अध्यक्षता तौकीर अहमद ने की व संचालन उपकार मणि उपकार ने किया।
फतेहगढ़ महोत्सव अपनी ऐतिहासिकता के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। रात्रि में गंगा जुमनी कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन हुआ। युवा शायर बारिश रजा की नात-ए पाक के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ। मां सरस्वती की वंदना की गई। मुशायरे को अपनी आवाज से नवाजते हुए युवा कवि निमिष टंडन ने कहा कि आग इस दिल में जलाये रखना, खुद को इंसान बनाए रखना। उस्ताद शायर सय्यद इरफान अली ने कलाम के जरिए समा बांध दिया। साहित्यकार डॉ0 पीडी शुक्ला ने श्रंगार रस की कविताओं से कार्यक्रम को सरावोर किया। उन्होंने कहा कि तेरी दहलीज तक सिमटी कई यादें, तुम्हारा हर हुनर मेरी यादों का हिस्सा हो गया है, कब तलक पंूछे कि कैसे हो बताओ तो सही, तुम्हारा हाल मेरी बीमारी का किस्सा हो गया है। युवा शायर सादाब खां ने कलाम पढ़ा। अध्यक्षता करते हुए तौकीर खां ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब को जिंदा रखने की जरूरत है। इस मौके पर शायरों व कवियों को शाल उड़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संयोजक रिजवान अहमद ताज ने आए हुए लोगों के प्रति आभार जताया। इस मौके पर युनुस अंसारी, हाजी अल्लाहदीन, राजीव बाजपेई, राघवेन्द्र सिंह रानू, ओम प्रकाश चौटाला, मनोज, भूरा, साबिर हुसैन, जाहिद हुसैन, रिहान आदि लोग मौजूद रहे।