प्रधान और सचिव की हठ धर्मिता के चलते सामुदायिक शौचालय बना सफेद हाथी

न कनेक्शन ना पानी और न ही टंकी अगर है तो सिर्फ मुख्य गेट पर ताला, महिला सफाई कर्मी के अनुसार दो वर्षो से नही मिला मानदेय

शमसाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रधान और सचिव की हठधर्मिता कहा जाए तो ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इसका सीधा लाभ भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे प्रधान और सचिव उठा रहे¡ शौचालय के नाम पर व्याप्त भ्रष्टाचार जो गरीबों के मुंह को चिड़ा रहा हैं, कहने के लिए शौचालय है, लेकिन पानी नही, टंकी है नीचे पड़ी, कनेक्शन भी नही, अगर कुछ है तो वह मुख्य गेट पर लटका हुआ, ताला जो यहां के लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है विकासखंड खंड क्षेत्र शमसाबाद के ग्राम कासिमपुर तराई जहां 2020-21 में ग्राम प्रधान तथा सचिव द्वारा सार्बजानिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, ग्रामीणों की माने तो सार्वजानिक शौचालय का निर्माण होने के बाद आसपास वृक्षारोपण भी किया गया था, वृक्षारोपण के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया और जो सार्वजनिक शौचालय बनाया गया, उसमें भी भ्रष्टाचार देखा जा रहा है, क्योंकि बनने के बाद इस सार्वजनिक शौचालय में आज भी ताला लटका हुआ है। उक्त प्रकरण में जब ग्रामीण से जानकारी की गई तो ग्रामीणों का कहना था ग्रामीणों सुविधा के लिए लाखों रुपए की कीमत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया, मगर प्रधान हेमलता और सचिव देव शर्मा की लापरवाही के चलते सार्वजानिक शौचालय आज भी सफेद हाथी बना हुआ है कहने के लिए भले ही सरकार ने स्वच्छता मिशन चलाकर आम लोगो को गंदगी तथा संक्रामक बीमारियों से बचाने की कोशिश की लाखों रुपए खर्च किए गांव में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया अफसोस प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते उक्त सौचालय भ्रष्टाचार का शिकार बना हुआ है ग्रामीणों ने जानकारी में बताया शौचालय चालू कराए जाने के लिए कई बार ग्राम प्रधान से कहा गया लेकिन इस और ध्यान नहीं दिया गया मजबूरन ग्रामीणों को सोच क्रिया के लिए खेतों मे जाना पड़ रहा है, सबसे बड़ी बात यह गांव की महिलाएं भी खेतों में जाने को मजबूर ग्रामीणों ने बताया जिन लोगो के खेत है उनमें फसलें हैं ग्रामीणों के अनुसार जब कोई व्यक्ति किसी के खेत में सोच के लिए जाता तो खेत का मालिक लाठी लेकर आ जाता परिणाम महिलाओं को शौच क्रिया के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, महिला सफाई कर्मी राजकुमारी ने बताया उसके कार्यकाल को दो वर्ष हो गए अभी तक मानदेय नहीं दिलाया गया समर है, लेकिन टंकी टूटी-फूटी है बाहर लगा हैंड पंप खराब उसने यह भी बताया चंदा के जरिए सरकारी हैंड पंप ठीक कराया गया लेकिन कुछ समय बाद हैंड पंप फिर खराब हो गया बरसात के मौसम में लोग गंगा नदी के पानी से काम चलाते पिछले दो वर्षों से सार्वजनिक शौचालय में लगा ताला ग्रामीणों का मुंह चिढ़ा रहा ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते हुए जनहित में सार्वजनिक शौचालय को ठीक कराकर संचालित कराए जाने की मांग की,

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