21 मार्च को स्पष्टीकरण न देने पर सात दिन का होगा कारावास
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अभियुक्तों को गिरफ्तारी कर न्यायालय के समक्ष पेश न करने व आदेशिकायें तामीलशुदा अथवा अदम तामीला न्यायालय वापस न करने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ज्ञानेन्द्र कुमार ने कोतवाली प्रभारी फतेहगढ़ को नोटिस देकर स्पष्टीकरण न्यायालय में पेश होकर देने का आदेश दिया था, लेकिन कोतवाली प्रभारी द्वारा न ही न्यायालय के समक्ष स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया, जो अत्यन्त आपत्तिजनक है। न्यायालय ने फतेहगढ़ कोतवाली प्रभारी को 21 मार्च को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध आवश्यक आदेश पारित करते हुए जरिए गिरफ्तारी वारंट न्यायिक अभिरक्षा में 7 दिवस के साधारण कारावास से दंडित किया जायेगा।
राज्य बनाम चक्रेश कुमार, राज्य बनाम रामलडै़ते आदि, राज्य बनाम हरनाम सिंह आदि के विरुद्ध न्यायालय में वाद विचाराधीन है। आरोपीगण अनेक तिथियों से अनुपस्थित चल रहे है। जिस कारण वाद अनावश्यक रुप से लंबित है। उनके कार्यवाही अग्रसारित नहीं की जा रही है। न्यायालय द्वारा अभियुक्तगणों के विरुद्ध अनेकों बार गैर जमानतीय अधिपत्र/एनएस निर्गत किये गये। संबंधित पैरोकार द्वारा आदेशिकायें प्राप्त की गयी। फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस द्वारा अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी कर न्यायालय के समक्ष न तो पेश किया गया और न ही आदेशिकायें तामीलशुदा अथवा अदम तामीला न्यायालय में वापस की गयी। अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ज्ञानेन्द्र कुमार ने १८ मार्च केा कोतवाली प्रभारी फतेहगढ़ को नोटिस देकर स्पष्टीकरण करने का आदेश दिया था, लेकिन कोतवाली प्रभारी द्वारा न ही न्यायालय के समक्ष स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया, जो अत्यन्त आपत्तिजनक है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह न्यायालय के कार्यों के प्रति उदासीन है तथा न्यायालय के कार्यों में रुचि नहीं ले रहे है। थानाध्यक्ष कोतवाली फतेहगढ़ का उक्त कृत्य न्यायालय की आदेश की अवहेलना को प्रदर्शित करता है, जो कि धारा ३४९ की परिधि के तहत आता है। न्यायालय ने फतेहगढ़ कोतवाली प्रभारी को 21 मार्च को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध आवश्यक आदेश पारित करते हुए जरिए गिरफ्तारी वारंट न्यायिक अभिरक्षा में 7 दिवस के साधारण कारावास से दंडित किया जायेगा।