‘संहिता आयुर्वेद का मूल है: लेक्चरर डॉ0 मुकेश कुमार विश्वकर्मा….

*शिक्षो पनयन संस्कार का तीसरा दिन
*नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं ने संहिता सिद्धांत और अगदतंत्र विभाग का भ्रमण किया

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेजर एस0डी0 सिंह पी0जी0 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में नव प्रवेशित बी0ए0एम0एस0 बैच 2022 के छात्र-छात्राओं ने शिक्षोपयन संस्कार के तीसरे दिन संहिता सिद्धान्त विभाग और अगद तंत्र एवं व्यवहार आयुर्वेद विभाग का भ्रमण किया और गुरुजनों से विभाग के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के तीसरे दिन छात्र-छात्राओं को संहिता सिद्धान्त और अगद तंत्र एवं व्यवहार आयुर्वेद विभाग के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। संहिता सिद्धान्त विभाग के लेक्चरर डॉ0 मुकेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि संहिता आयुर्वेद का मूल है। उन्होंने कहा कि आप आयुर्वेद के किसी भी विभाग का अध्ययन कर रहे हो उसके ही मूल्य में संहिता ही होती है। संहिता सिद्धान्त विभाग के डॉ0 रवि शंकर मौर्य ने छात्र-छात्राओं को संहिता सि द्धान्त विभाग का भ्रमण कराया और ऋषिचरक सहित अन्य ऋषियों के बारे में बताया।


डॉ0 आनन्द बाजपेयी ने छात्र-छात्राओं को अगदतंत्र विभाग का भ्रमण कराया। विभागाध्यक्ष डॉ0 विजय मोहन गुप्ता ने बताया कि दुर्घटनावश जितनी भी मृत्यु होती हैं, चाहे वह गोली मार कर हो या फांसी लगाकर, उसका अध्ययन अगदतंत्र विभाग के अन्तर्गत ही आता है। इस मौके पर अगदतंत्र विभाग के लेक्चरर डॉ0 संकल्प सिंह भी उपस्थित रहे।

इससे पूर्व काय चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ0 देवाशीश बिस्वाल ने छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि आयुर्वेद को जितनी रूचि से पढ़ेंंगे उतना ही अच्छा लगेगा। उन्होंने बच्चों की मोटीवेशनल क्लास ली। क्रिया शारीर की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ0 अंजना दीक्षित ने पर्सनॉलिटी डवलपमेंट पर व्याख्यान दिया और अनुशासन का पाठ पढ़ाया। प्राचार्य डॉ. जॉली सक्सेना ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरी मेहनत से पढ़ाई करे तो आयुर्वेद आसान हो जायेगा और सभी बच्चे उद्देश्य को प्राप्त कर सकेंगे। साढ़े पांच साल का यह समय अति महत्वपूर्ण है। इसक सदुपयोग करें। महाविद्यालय के डीन डॉ0 सुनील कुमार गुप्ता, डॉ0 अंकुर सक्सेना आदि ने भी छात्रों को व्याख्यान देकर प्रेरित किया।

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