चक्रवात तूफान रेमल एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकरा गया। 21 घंटे के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं दोबारा शुरू तो हुईं पर खराब मौसम के कारण आठ उड़ानों को डायवर्ट किया गया तो 14 उड़ानों को रद्द करना पड़ गया। वहीं, तूफान के कारण पांच लोगों की मौत हो गई। खराब मौसम के कारण कोलकाता जाने वाली आठ उड़ानों को गुवाहाटी, गया, वाराणसी और भुवनेश्वर जैसे अन्य हवाईअड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा है। बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो चक्रवात के कोलकाता में एक, दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं और पूर्व मेदिनीपुर के मेमारी में एक पिता-पुत्र की मौत हुई है। चक्रवात के कारण 15 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। दो लाख से अधिक लोगों को बचाव शिविरों में भेजा गया। 77 हजार से अधिक लोग अभी भी राहत शिविर में ही हैं। राज्य भर में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। पुलिस और एनडीआरएफ उन्हें हटा रहे हैं। बिजली खंभों के उखड़ने के कारण बिजली व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बांग्लादेश में करीब 10 लोगों की मौत हुई है। 15 मिलियन लोग वहां बिना बिजली के हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को रेमल के प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भीषण आपदा के बावजूद कम जानमाल का नुकसान हुआ, यह सब प्रशासन द्वारा उठाए गए एहतियाती उपायों के कारण हुआ। सीएम ने प्रभावित लोगों के लिए तत्काल मुआवजे की आवश्यकता को रेखांकित किया।