कवियों को उत्तरी व स्मृति चिन्ह देकर किया गया सम्मानित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। श्रीराधा श्याम शक्ति मंदिर लोहाई रोड पर परम्परागत अध्यात्मिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। नगर के विद्वान कवियों ने काव्यपाठ किया। आयोजक सुरेन्द्र सफ्फड़ ने चल रही कई दिनों की कथा में कवियों का स्वागत किया। राष्ट्रीय कवि डा0 शिवओम अम्बर ने रचना पढ़ते हुए कहा कि रचना धर्मों ईश्वर के देवदूत होते है। जो अन्ताकरण से विचार आते है। वह अपने साहित्य के माध्यम से मां वाणी का आशीर्वाद होता है। गोस्वामी तुलसी दास ने समाज के लोक कल्याण के लिए महाकाव्य रामचरित मानस की रचना करके समाज और राष्ट्र को अनूठा मानस ग्रंथ दिया है। जो सभी के लिए मंगलकारी है। गोष्ठी का शुभारम्भ डा0 शिवओम अम्बर व गरिमा पाण्डेय ने मां भारती की प्रस्तुति के साथ किया। आओ हम सब मिलकर कलम से उतारे मां भारती की आरती। महेश पाल सिंह उपकारी ने राम के नाम की महिमा का वर्णन किया। एक बार कहने से नाम की प्रतीक बनता, दो बार कहने से होता है प्रणाम, तीन बार कहने से दया और ध्या आती है। कह अधिक बार बनता है मंत्र श्रीराम का नाम। प्रीर्ती तिवारी ने कहा कि आरती पुष्प पूजन तुम्हारे लिए, मेरे जीवन का मधुवन तुम्हारे लिए। जल रहा दिया आ भी जाओ प्रभु, यह सजाया आंगन तुम्हारे लिए। डा0 शिवओम अम्बर ने कहा कि मेरे हर खास की शुभकामना कर मेरे शब्दों को स्वास्तिक में बदल दें। दे पहले वाबरी मीरा की निष्ठा, मेरे गोपाल फिर बेशक गरल दे। उत्कर्ष अग्निहोत्री ने कहा कि कविता एक बहाना था, दिल तक आना जाना था। सिद्दत से चाहां तुमने लो फिर हमको आना था। गरिमा पाण्डेय ने कहा कि मन की बगिया को महकाइये, छंद बनकर चले आइये। मेरी नवेली काली भाग की आप मकरंद बन जाइये। बृजकिशोर सिंह किशोर ने कहा कि बादलों में अपना नाम दर्ज है यारो, दर्द हम पर पुराना कर्ज है यारो। काव्यपाठ में सुकुमार, निमिष टंडन, उपकार मणि आदि ने रचना पढ़ी। सभी को स्मृति चिन्ह एवं धार्मिक साहित्य के साथ सम्मानित किया गया। काव्यपाठ का विराम ठाकुर जी की आरती व प्रसाद वितरण के साथ हुआ। संचालन बृजकिशोर सिंह किशोर ने किया। आभार अंजुम दुबे ने व्यक्त किया।