फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह द्वारा कला, साहित्य, इतिहास, पर्यटन, पर्यावरण आदि क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों से समन्वय करते हुए उनको समवेत कर डॉ0 रजनी सरीन के आवास विचार और संवाद करते हुए बैठक आयोजित हुई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती का अर्चन वंदन और दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। बैठक में विभिन्न विचारों पर चर्चा की गई और संभावित गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की गई। जिसमें कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन, कॉफी टेबल बुक, डाक्यूमेंट्री फिल्म्स, साहित्यिक सम्मेलनों और पुस्तक मेले का आयोजन, ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और जीर्णोद्धार पर्यटन स्थलों का विकास और प्रचार शैक्षिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन करना आदि शामिल है।
संस्कृतिक धरोहरों के अंतर्गत बाबा नीम करौली धाम, संकिसा, कम्पिल, श्रृंगीरामपुर, शेखपुर आदि तथा नमामि गंगे योजना में गंगा घाटों का सौंदर्गीकरण, स्वच्छता, वृक्षारोपण आदि इसके अलावा पर्यावरण, रोजगार और कृषि के लिए जल, उर्जा, वायु, जैवकीय उत्पाद, लघु और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विचार प्रस्तुत करते हुए संकल्प लिया। पर्यावरणविद् डॉ0 गुंजा जैन ने जिले में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विचार रखे। उन्होंने अपनी शोध प्रस्तुत करने के लिए पीपीटी का भी उपयोग किया।
वैभव राठौर ने सुझाव दिया कि समवेत पहल के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्मों, अपशिष्ट प्रबंधन अभियानों और अन्य जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जा सकता है। ज्ञानफोर्ड इनोवेटिव स्कूल के डायरेक्टर विमल राठौर ने शैक्षिक रूप से जिले के लिए कुछ नया करने का प्लान प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में जिले के लिए कुछ न कुछ करने का जज्बा है। जिसको समवेत के माध्यम से दिशा मिलेगी। वैभव सोमवंशी ने कहा कि अपने जिले की प्रतिभाओं को खोजना और अपने जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में उनको स्थान और सम्मान देना चाहिए। इस दौरन उन्होंने अपनी काव्य रचनाएं भी प्रस्तुत की। मोहम्मद आकिब ने जिले में इंटेक का एक चैप्टर स्थापित करने, स्कूलों में पर्यटन और विरासत क्लब स्थापित करने तथा जिले की धरोहरों का एक व्यापक सूचीकरण करने का प्लान साझा किया।
आकाश दुबे ने जिले की आधाकारिक वेबसाइट पर नवीन अपडेट किये जाने, गंगा घाटों को एक्स्प्लोर करने, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पर्यटन केन्द्रों का प्रचार-प्रसार, ब्लॉक प्रिंटिंग, जरदोजी, दालमोठ, आलू, आम, कपूरकंद आदि जिले के प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग करने का प्लान प्रस्तुत किया। फोटो जर्नलिस्ट रवीन्द्र भदौरिया ने सरकारी तंत्र और सरकारी धन के सदुपयोग करने पर अपने विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा ये सभी जनपदवासियों की जिम्मेदारी है कि कोई योजना या काम हो तो उसकी गुणवत्ता पर जरुर ध्यान देना चाहिए। अवनींद्र कुमार ने खेलकूद अभियानों के लिए विचार प्रस्तुत प्रस्तुत किये। प्रोफेशनल फोटोग्राफर शांतनु कटियार ने अपने हुनर के माध्यम से सभी अभियानों में योगदान देने का वादा किया। बांसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक ने जिले की संगीत कला को प्रोत्साहित करना का प्लान साझा किया। राना हिजाब और दिव्या ने नाटक तथा थिएटर अकादमी बनाने के लिए विचार प्रस्तुत किये। इसके अलावा सत्यनारायण सिंह, अखिलेन्द्र प्रताप सिंह, भरत सिंह, दुष्यन्त सिंह, अजय प्रताप सिंह, अदुवित अग्निहोत्री, स्मृति अग्निहोत्री आदि ने भी अपने विचार रखे। साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि समवेत पहल का उद्देश्य फर्रुखाबाद की अनूठी कला, संस्कृति और इतिहास को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाना है। यह पहल स्थानीय लोगों को अपनी विरासत के बारे में जागरूक करने और उन्हें इसे संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करेगी। डॉ0 रजनी सरीन ने प्रशासन और सरकार के साथ विकास कार्य करने के लिए नागरिको के दायित्व और कर्तव्य का पालन करने के लिए आह्वान किया। इसके साथ ही बैठक में उठाये गये सभी प्लान और एजेंडे पर तन-मन-धन से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अनिल प्रताप सिंह राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया।