मां-बहन के हत्यारे को आजीवन कारावास

20 हजार रुपये का अर्थदण्ड
माँ के द्वारा सम्पत्ति से बेदखल कर देने पर दिया था घटना को अंजाम
बहन ने दर्ज करवाया था मुकदमा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। संपत्ति को लेकर कलयुगी युवकों ने अपनी मां और बहन की हत्या कर दी थी। इसी मामले में जिला जज एंव सत्र न्यायाधीश विनय कुमार तृतीय ने अभियुक्त लालू प्रसाद उर्फ विमल प्रताप पुत्र स्व द्वारिका प्रसाद निवासी कबाड़े वाली गली लाल गेट को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
विगत चार वर्ष पूर्व शहर कोतवाली फर्रुखाबाद क्षेत्र लाल गेट के निकट कबाड़े वाली गली में बंद मकान मां बेटी का शव मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। मृतिका की बड़ी पुत्री जो कि दिल्ली अपनी ससुराल में रहती थी पड़ोसियों ने उसको सूचना दी। किरन देवी ने कोतवाली पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया कि 21 जुलाई को फोन द्वारा सूचना मिली तुम्हारी मां रामकली और बहन लक्ष्मी की हत्या घर के अंदर हो गयी थी। वादिनी अपने पति के साथ दिल्ली से फर्रुखाबाद आई। वादिनी ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंची मेरी मां, बहन की गला दबाकर और लकड़ी के फट्टे से चोट मारकर हत्या की गई। मेरी व मेरी बहन की 14 जुलाई 2020 को 7 बजकर 55 मिनट पर लक्ष्मी की शादी के रिश्ते को लेकर बात हुई थी। उसने बोला था कि दीदी अम्मा इतनी दूर शादी नहीं करेगी। मेरी शादी फर्रुखाबाद में ही करेगी। उसकी दो मिस्ड कॉल हुई थी। उसके बाद उसका फोन बंद हो गया था। मेरा भाई लालू प्रसाद व उसकी पत्नी और उसके ससुरालीजन अक्सर मेरी मां-बहन के साथ मारपीट करते रहते थे। मां ने भाई और भाभी को बेदखल कर दिया था। मेरे भाई लालू ने जान से मारने की धमकी दी थी। मेरी को अपनी व लक्ष्मी की हत्या की लालू से आशंका थी। मेरी मां ने लक्ष्मी की शादी के कुछ रुपये और गहनें जोडक़र रखे थे। हत्या करने की धमकी लालू कई बार दे चुका था। मां और बहन की हत्या लालू और उसकी पत्नी और ससुरालीजनों ने मिलकर कर दी थी। कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लालू प्रसाद के विरुद्ध न्यायलाय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व साशकीय अधिवक्ता स्वदेश प्रताप सिंह, श्रवण कुमार की कुशल पैरवी के आधार पर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार तृतीय ने लालू प्रसाद उर्फ विमल प्रताप को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

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