बिजली गुल, कई ऑपरेशन रुके
बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी में हुई बारिश ने आमजन जीवन को तहस-नहस कर दिया. यहां तक की बारिश से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई. सुबह-सुबह मानसून ने धमाकेदार एंट्री मारी, जिसे दिल्ली झेल नहीं सकी और पूरी पानी-पानी हो गई. ऑफिस जाने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई. कई इलाकों की सड़कें लबालब दिखाई दीं और घरों में पानी घुस गया. मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन की पोल खोलकर रख दी. दिल्ली में मानसून की पहली बारिश का असर AIIMS पर भी दिखा. बारिश के कारण दिल्ली एम्स के एक दो नहीं, नौ ऑपरेशन थिएटर बंद हो गए. ऑपरेशन थिएटर बंद रहने की वजह से दर्जनों सर्जरी प्रभावित हुई. खासकर उन मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिनकी सर्जरी होने वाली थी गुरूवार की रात को एम्स में कई जगह हुए जलभराव के कारण नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की ओर से बिजली सप्लाई को बंद कर दिया गया. जिसके चलते सभी ऑपरेशन थियेटर को बंद करके सर्जरी को रोक दिया गया. ट्रॉमा सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के कारण स्विच ऑन करने पर करंट आने का खतरा बढ़ गया था. इसलिए बिजली आपूर्ति को बंद किया गया. अब जैसे ही पानी निकलने के बाद ऑपरेशन थियेटर चालू होंगे सबसे पहले इमरजेंसी वाले मरीजों की सर्जरी शुरू की जाएगी. बता दें कि एम्स में हर तरह की बीमारी के देश भर से हजारों की संख्या में मरीज आते हैं. जिसके चलते एम्स में प्रतिदिन 200 से ज्यादा छोटी और बड़ी सर्जरी होती हैं. ऐसे में बारिश के कारण सर्जरी बंद होने से एम्स के ऊपर सर्जरी का लोड बढ़ना तय है.अब डॉक्टरों को ऑपरेशन थिएटर चालू होने पर सबसे पहले आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों की पहले सर्जरी करके फिर से इस प्रक्रिया को पटरी पर लाने की चुनौती रहेगी.. बिजली बंद होने से न्यूरो सर्जरी ऑपरेशन थिएटरों को सुबह से शाम छह बजे तक बंद करना पड़ा, लेकिन न्यूरो सर्जरी ऑपरेशन थिएटर शुरू हो गया. शाम 6 बजे सर्जरी हुई, सर्जरी पूरी रात चलती रही. बारिश की वजह से एम्स के ट्रामा सेंटर के हालात खराब हो गए थे. एम्स प्रशासन ने दावा किया था कि जैसे ही सर्जरी शुरू होगी वैसे ही वह इसकी जानकारी दी जाएगी. दरअसल, एम्स के ट्रामा सेंटर में ग्राउंड फ्लोर पर पानी भर गया था, जिसके कारण पूरी बिल्डिंग की बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ी थी. बिजली नहीं होने की वजह ऑपरेशन थिएटर बंद किए गए थे. अस्पताल के स्टोर रूम तक में बारिश का पानी भर गया था. अस्पताल की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अस्पताल की सेवाएं बाधित रहेंगी. एम्स ने अपने बयान में कहा था कि इमरजेंसी सर्जरी की आवश्यकता वाले मरीजों को सफदरजंग और दूसरे सरकारी अस्पतालों में जाना चाहिए. इसके बाद सवाल उठा कि जब देश के टॉप अस्पतालों में गिने जाने वाले एम्स का ये हाल है तो फिर अलग-अलग राज्यों से यहां इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों का क्या