कमालगंज, समृद्धि न्यूज। रमजान के महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है। रमजान में छोटे-छोटे बच्चे भी अल्लाह पाक की इबादत करते हैं और दुआ मांगते, बच्चों ने खुदा से दुआ मांगी है कि देश-दुनिया में शांति रहे और सभी लोग मिल जुलकर रहें। रमजान के इस पाक महीने में छोटे-छोटे बच्चे भी इबादत कर रहे हैं।
खुदा से प्रेम और इबादत के लिए कोई उम्र नहीं होती। खुदा की इबादत कर रहे हैं, इसमें बच्चे भी पीछे नहीं हैं। बच्चे भी इस बरकत के महीने में इबादत कर रहे हैं, बच्चों को काफी खुशी महसूस हो रही है। उलेमा से सुना है कि बच्चे अपने घर से ही सीखते हैं। बच्चों के घर वाले भी बच्चों के उत्साह को देखकर काफी खुश है।
आयत फारूकी ने बताया कि खुदा की खुशनूदी हासिल करने के लिए भूख और प्यास को बर्दाश्त करना बड़ी बात नहीं है। अल्लाह से देश में अमन चैन की दुआ मागेंगी। आयत फारूकी कहती है कि उन्होंने पहली बार अल्लाह पाक की इबादत में रोजे रखे है। आयत फारूकी, इजान फारूकी, तहमीर फारूकी, जूनैरा फारूकी, तजीन फारूकी, अरहान फारूकी, अरमान फारूकी, फैसल फारूकी ने रोजे रखे है।
मौलाना की मानें तो ये रहमत और बरकतों का यह महीना है। इस महीने को नेकियों का महीना भी कहा जाता है। इस पाक महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। कुरान शरीफ में रोजे का मतलब है तकवा यानी बुराइयों से बचना और दूसरों की भलाई करना, गरीबों की मदद करना। रमजान में सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं है, सारी बुराईयों से दूर रहना इस महीने में बेहद जरूरी है।