आज सावन के प्रथम सोमवार पर भक्तों की उमड़ेगी भारी भीड़
नवाबगंज, समृद्धि न्यूज। शिव मंदिरों की गिनती की जाए तो फर्रुखाबाद के ग्राम पुठरी में बना प्राचीन शिव मंदिर का इतिहास बहुत ही अलौकिक है, लेकिन जनश्रुति के अनुसार लगभग 400 वर्ष पूर्व गांव के बाहर टीला था जिसके ऊपर झाड़ी झंकार उगे हुए थे। इसी टीले पर प्रतिदिन एक गाय बीच में खड़ी होती थी। गाय के थन से अपने आप दूध की धार निकलने लगती थी। सब नजारा देख ग्रामीणों ने टीले की साफ.-सफाई कर खुदाई कराई तो उस टीले के नीचे शिवलिंग निकला।
सभी ग्रामीणों ने शिवलिंग को एक गुफा में स्थापित कर दिया। यहां पर चारों तरफ से लोग पूजा अर्चना के लिए आने लगे शिव की ख्याति बढऩे के साथ-साथ फर्रुखाबाद निवासी सदानंद तिवारी ने मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर के पूजा कार्य में सबसे पहले राम भारती, लाल भारती ने मंदिर की जिम्मेदारी ली। वर्तमान समय में सुरेश भारती, देवेंद्र भारती शिव आराधना में लग शिव भक्ति कर रहे हैं। मंदिर परिसर में ही कालेश्वर महादेव एवं दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया गया है। भगवान शिव के चमत्कारिक शिवलिंग को फूल व वेल पत्रों से सजाया जाता है। महंत व पुजारियों द्वारा सुबह शाम आरती की जाती है। शिव भक्तों के आवागमन के लिए मंदिर के तीनों द्वार खोल दिए जाते हैं मंदिर में पूजा अर्चना के लिए भोगांव बेवर मैनपुरी अलीगंज कन्नौज व फर्रुखाबाद से भक्तों का तांता लगा रहता है या! यहां पर फागुन मास की त्रयोदशी को बहुत ही भयानक भीड़ के साथ भक्तजन कांवर लेकर आते हैं तथा चैत्र मास की तेरस को यहां पर विशाल मेला लगता है इसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
हर किसी की मनोकामना पूर्ण करता पुठरी मंदिर का चमत्कारी शिवलिंग
