बलिया: आमतौर पर हम सुनते हैं कि पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार किया, लेकिन बलिया में इसका उल्टा हो गया. 24 जुलाई की रात बलिया में एक अजीबोगरीब घटना घटी जब पुलिस खुद ही गिरफ्तार हो गई और वो भी फिल्मी अंदाज में. दो लोग ट्रक पर बैठकर आए और पुलिस ने अपनी रूटीन के हिसाब से 500 की अवैध वसूली की. यह दो लोग कोई आम नहीं थे एक ADG वाराणसी पियूष मोर्डिया और दूसरे आजमगढ़ वैभव कृष्ण थे. फिर क्या था… आम आदमी के वेश में आगे बढ़ते गए और पुलिस कर्मियों का काला चेहरा साफ होता गया. उसके बाद तो जो हुआ बलिया के पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया. पुलिसवालों को गिरफ्तार कर लिया. तीन अन्य पुलिसकर्मी भागने में सफल हो गए. आजमगढ़ के वैभव कृष्ण ने बताया कि इस थाना क्षेत्र में अवैध वसूली की कई शिकायतें मिल रही थीं. सच्चाई जानने के लिए वे साधारण वेश में आए थे. इसमें सीओ, थाना के इंस्पेक्टर और कोरंटाडीह चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही दलाल सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया. कुछ भागने में भी सफल रहे. इस मामले में सीओ, एसओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की भी जांच के आदेश दिए गए हैं.पूरे मामले में हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, दीपक मिश्रा और बलराम सिंह मौके से फरार हो गए. कोरंटाडीह पुलिस चौकी के आठ पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए. इसके अलावा हेड कांस्टेबल चंद्रजीत यादव, औरंगजेब खान, अरविंद यादव, सतीश गुप्ता, पंकज यादव, ज्ञान चंद्र और धर्मवीर पटेल भी सस्पेंड कर दिए गए हैं. सब इंस्पेक्टर मंगला प्रसाद को भी सस्पेंड कर दिया गया है. थानाध्यक्ष और वसूली में शामिल सिपाहियों के आवास को भी सील कर दिया गया है.