बुलंदशहर में पुलिस ने कार में खुद तमंचा रख बेगुनाह को भेजा जेल

सीसीटीवी में कैद घटना, 4 पुलिसकर्मी निलंबित

इन दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुछ ऐसा किया, जिसकी चर्चा अब हर जगह हो रही है. दरअसल पुलिसवालों ने खुद ही कार में तमंचा रखकर फर्जी तरीक़े से युवक को जेल भेज दिया. लेकिन गनीमत ये रही कि ये पूरी घटना एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. अपने इस कारनामे की वजह से बुलंदशहर की शिकारपुर पुलिस सुर्खियों में आ गई.

बुलंदशहर: इन दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुछ ऐसा किया, जिसकी चर्चा अब हर जगह हो रही है. दरअसल पुलिसवालों ने खुद ही कार में तमंचा रखकर फर्जी तरीक़े से युवक को जेल भेज दिया. लेकिन गनीमत ये रही कि ये पूरी घटना एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. अपने इस कारनामे की वजह से बुलंदशहर की शिकारपुर पुलिस सुर्खियों में आ गई. शिकारपुर पुलिस की इस करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. इस मामले के तूल पकड़ने पर एसएसपी ने शिकारपुर थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी और दो सिपाहियों को फ़िलहाल निलंबित कर दिया है और मामले की जांच एसपी क्राइम को जांच सौंपी गई है. जांच के बाद एसएसपी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएंगी. थाना प्रभारी व कस्बा चौकी प्रभारी की मौजूदगी में कार में तमंचा रखा गया. तमंचा रखकर पुलिस ने उसी अवैध तमंचे में अमित नाम के युवक को जेल भेज दिया. इस वीडियो के सामने आने पर एसएसपी श्लोक कुमार की ओर से की गई निलंबन की कार्रवाई की गई.

समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को घेरा

घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को घेरा है। पार्टी की तरफ से X पर पोस्ट किया गया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है – सीएम योगी की यूपी की बुलंदशहर पुलिस का कारनामा देखिए, बाइक से सफेद पोटली में लिपटा तमंचा निकाला और कार में रख दिया,फिर कार मालिक दलित व्यक्ति अमित को जेल भेज दिया। यूपी में पुलिस सीएम योगी के इशारे पर किस तरह से दलितों, पिछड़ों और विपक्षियों को फर्जी तरीके से फंसाकर जेल भेजने का काम कर रही है। ये इस घटना से भी स्पष्ट हो रहा है। सीएम योगी यूपी में सरकार नहीं जंगलराज चला रहे हैं।

रोने लगा आरोपी, कहा- मेरी कोई गलती नहीं है

वो कुछ समझ ही नहीं पाया। अमित ने कहा कि उसे नहीं पता कि ये हथियार उसकी कार में कैसे आया? उसने पुलिसवालों को खूब समझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसवालों ने उसकी एक न सुनी। पुलिस ने उसके ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद अमित को कोर्ट में पेश किया गया। वो बार-बार अपनी बेगुनाही का दावा करता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। ये तो गनीमत थी कि घटनास्थल के पास एक सीसीटीवी लगा हुआ था, जिसमें पुलिस की कारस्तानी कैद हो गई। इसके बाद ये मामला सीनियर अधिकारियों तक गया। जब उन्होंने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज को ध्यान से देखा तो वो भी समझ गए कि इस केस में किस तरह से पुलिसवालों ने अमित को फंसाने के लिए हथियार प्लांट किया था। अब इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने घटना में शामिल चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इंस्पेक्टर राजेश चतुर्वेदी, चौकी इंचार्ज शुभम चौधरी, कांस्टेबल सुनील कुमार और कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है। वहीं होमगार्ड नूर हसन और भूपेंद्र कुमार दोनों की रिपोर्ट होमगार्ड कमांडेंट के पास भेजी गई है।

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