मंगलवार की सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और बारामुला में भूकंप के लगातार दो तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए। अब तक भूकंप में जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में मंगलवार सुबह लगातार दो भूकंप के झटके महसूस किए गए. इससे लोगों में दहशत फैल गई और वे अपने घरों से बाहर निकल आए और अपने प्रियजनों को फोन करके उनका हालचाल पूछा. आज आए भूकंप में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 दर्ज की गई. साथ ही साथ पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भी भूकंप के झटके लगे हैं. स्थानीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहला भूकंप 6 बजकर 45 मिनट पर आया. इसके कुछ ही मिनटों के भीतर दूसरा भूकंप आया. पहला भूकंप 34.37 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 74.16 डिग्री पूर्वी देशांतर पर आया. दूसरे भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई और यह 6 बजकर 52 पर आया. भूकंप के झटकों का केंद्र बारामूला था और यह क्रमशः 5 और 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
Another earthquake of magnitude 4.8 on the Richter Scale struck Baramulla, Jammu and Kashmir: National Center for Seismology pic.twitter.com/LVWG6ZnL2E
— ANI (@ANI) August 20, 2024
भूंकप के केंद्र और तीव्रता से क्या पता चलता है
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
रूस में भी हिली थी धरती
अभी हाल ही में रूस में भूकंप से धरती कांप गई थी. यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) ने बताया था कि शनिवार को रूस के कामचटका क्षेत्र के पूर्वी तट 7.2 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिसकी गहराई 51 किमी थी. भूकंप आने के तुरंत बाद सुनामी को लेकर अलर्ट जारी किया गया था. यूएस नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने भूकंप के बाद सुनामी का अलर्ट जारी किया था. हालांकि, रूस के आपातकालीन मंत्रालय की कामचटका ब्रांच ने बताया था कि कामचटका तट पर 7.2 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी का कोई खतरा नहीं है.
भूकंप क्यों आते हैं
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।