बच्चे समय बर्बाद न करें, पढ़ाई पर दे ध्यान: अम्रता आर्य

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का सपना था, कि देश का हर व्यक्ति शिक्षित हो। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित किया और अपने जन्मदिन को शिक्षकोंं के लिए समर्पित करते हुए शिक्षक दिवस रखा, तब से अब तक हर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। समृद्धि न्यूज के विशेष विशलेषण समाचार के अंक में शिक्षा की प्रहरी बनी प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर प्रथम भरखा की सहायक अध्यापिका अम्रता आर्य ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ माता-पिता का ध्यान रखती थी। हाईस्कूल की शिक्षा 1994 में क्वीन विक्टोरिया गल्र्स इंटर कालेज आगरा से किया। इंटर की पढ़ाई तुलसी देवी गल्र्स इंटर कालेज आगरा से 1996  में पूर्ण की। 2001  में आगरा यूनिवर्सिटी से बीए किया। 2003 में कानपुर यूनिवर्सिटी से एमए पूर्ण किया। 2005  में खुनखुन गल्र्स पीजी कालेज लखनऊ से बीएड किया। 2010  में सहायक अध्यापिका बनी। पहली तैनाती प्रथमिक विद्यालय अन्नी बैजल गौरीगंज अमेठी में मिली। 2012  में मेरी शादी हुई। उसके बाद 2012  में ही वहां से स्थानांतरण कराकर फर्रुखाबाद राजेपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर प्रथम भरखा में सहायक अध्यापिका के रुप में कार्य ग्रहण किया। तब से अभी तक इसी विद्यालय में अध्यापन कार्य कर रही हूं। विद्यालय में 129 बच्चों का नामांकन है। बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से पढ़ाती हूं और उन्हें होमवर्क देती हूं और अध्ययन लगातार कराती हूं। समय-समय पर बच्चों के अभिभावकों से मिलकर बच्चों का अध्ययन कार्य करती हूं। विद्यालय में विभिन्न जागरुकता अभियान के तहत रैली निकाली गई। स्कूल चलो अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान, प्रभातफेरी, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण जागरुकता आदि रैली में बच्चों को प्रतिभाग कराया। मेरी सरकार से मांग है कि नई शिक्षा नीति में कुछ बदलाव की जरुरत है। साथ ही शिक्षकों के हितों के देखते हुए सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि पुुरानी पेंशन बहाल की जाये। क्योंकि पुरानी पेंशन में डीए होता है। यही बुढ़ापे का सहारा है। मेरे प्रेरणा श्रोत पिता एआर आर्य व माता वीना आर्य है। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर से मैं पे्ररित हूं। उन्होंने पिछड़े और दलितों एवं गरीबों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे का कार्य किया। स्वामी विवेकानंद की पुस्तके पढक़र प्रेरित होती हूं। साथ ही गौतम बुद्ध का समरसता का संदेश मानवहित में था, जिसका पालन करती हूं। समय मिलने पर आर्ट बनाती हूं और म्युजिक सुनती हूं। मेरी युवा पीढ़ी से अपील है कि समय को बर्बाद न करें और पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें, समय बहुत बलवान है यह निकल जाता है तो वापस नहीं आता है।

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