बंदूक लेकर विधायक तक कर रहे चौकीदारी
उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला इस समय भेड़ियों के हमले से डरा-सहमा हुआ है. भेड़ियों ने डेढ़ महीने में छह बच्चों को अपना निवाला बनाया है, जबकि तीन बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. गांव वाले अपना कारबार छोड़कर दिन-रात पहरेदारी दे रहे हैं, ताकि उनका परिवार सुरक्षित रह सके. गांव वालों के साथ-साथ क्षेत्र के विधायक भी चौकीदारी कर रहे हैं.
चैन से सोना है तो जाग जाइए नहीं तो ‘भेड़िया’ आ जाएगा… कुछ यही हाल इस समय उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का है. यहां न दिन में चैन है, न रातों में सुकून है. यहां इंसानों के हिस्से में कुछ बचा है तो वह है ‘चौकीदारी’… अपने गांव की, अपने परिवार की और अपने समाज की. अगर अपने लोगों की जानें बचानी हैं तो दिन-रात जागना है. न जाने कब ये भेड़िया हमला कर देगा, कुछ पता नहीं. भेड़िए के हमले से पिछले डेढ़ महीने में एक बुजुर्ग महिला और छह बच्चों की मौत हो चुकी है. लोग डरे-सहमे रह रहे हैं.
बहराइच: जनपद में करीब 3 महीने से खूंखार भेड़िये का आतंक जारी है. भेड़ियों ने लगभग 12 से अधिक लोगों को घायल किया है. और आठ लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. इस क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल है. हालांकि वन विभाग की टीम ने अभी तक तीन भेड़िये को पकड़ा है. लेकिन, अभी भी बहुत से खूंखार भेडिया क्षेत्र में घूम रहे हैं और लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. वन विभाग का प्रयास लगातार जारी है. लेकिन, हमले जो है वह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हरदी थाना क्षेत्र अंतर्गत महसी ग्राम पंचायत के कुम्हारन पुरवा गांव निवासी करीब 60 वर्षीय रीता देवी अपने घर में सो रही थी. तभी देर रात अचानक भेड़िए ने हमला कर दिया. रीता देवी के चीखने की आवाज सुनकर परिजन दौड़े तभी भेड़िया रीता देवी को घायल अवस्था में छोड़ भाग खड़ा हुआ.परिजन आनन फानन में सीएचसी महसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलते ही मौके पर विधायक महसी सुरेश्वर सिंह ने मौके पर पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया और परिजनों का ढांढस बंधाया. मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है. हालात तो यहां तक बन गए हैं कि खुद क्षेत्र के विधायक हाथ में बंदूक लेकर चौकीदारी कर रहे हैं. बहराइच जिला देवीपाटन मंडल के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है. जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है. चकिया, सुजौली, निशानगारा, मिहींपुरवा, बिछिया और बघौली जिले के मुख्य वन क्षेत्र हैं. यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है. कतर्नियाघाट के जंगल में हाथी, बाघ और तेंदुआ देखने को मिल जाते हैं. हालांकि कभी-कभी ये जंगल से बाहर निकलकर मैदानी इलाकों में पहुंच जाते हैं और फिर इंसानों पर हमला कर करते हैं. अब तक कई लागों की बाघ और तेंदुओं के हमले से मौत हो चुकी है. लोगों में अभी तक केवल इन्हीं बाघ और तेंदुओं के हमले का डर बैठा था, लेकिन अब एक नए जंगली जानवर ने एंट्री ले ली है. खास बात यह है कि ये जंगली जानवर बाघ और तेंदुओं का जानी दुश्मन भी कहलाता है. नाम इसका ‘भेड़िया’ है. गांव वालों को अब बाघ और तेंदुओं से ज्यादा इन भेड़ियों के हमले का डर बना रहता है. भेड़ियों का ये हमला बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में हो रहा है. यहां के हरदी थाना क्षेत्र में 24 से अधिक गांवों में लोग दिन-रात जागकर पहरेदारी कर रहे हैं. बीते सोमवार की रात भेड़ियों ने हमला करके एक गांव के तीन बच्चों को घायल कर दिया. जब तक सुरक्षा में तैनात वन विभाग की टीम गांव पहुंचती, भे़ड़िया दूसरे गांव पहुंच चुके थे. यहां उन्होंने एक पांच साल के बच्चे को अपना निवाला बना डाला.
अब तक 6 बच्चों को भेड़ियों ने बनाया अपना निवाला
DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जब अयांश की तलाश शुरू की गई तो हुई तो मंगलवार तड़के पास के एक खेत से अयांश का करीब 40 से 50 प्रतिशत खाया हुआ शव बरामद किया गया. DFO अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ महीने में इन हमलों से अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है. जिले में भेड़ियों के आतंक को देखते हुए बाराबंकी DFO आकाशदीप बधावन और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के DFO बी. शिवशंकर को भी तैनात किया गया है.