वन विभाग के पिंजड़े में कैद हुआ आदमखोर भेड़िया

सुबह 11 बजे भेड़िया को वन कर्मियों ने पकड़ा

बहराइच समृद्धि न्यूज़ जिले में लोगों को अपना निशाना बना रहे भेड़िया को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। उसे रेंज कार्यालय लाया जा रहा है। वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजड़े में भेड़िया फंस गया। बहराइच वन प्रभाग के सदर रेंज के कई गांवों में भेड़िया मासूमों के साथ बड़ों को निवाला बना रहा है। अब तक तीन भेड़िया पकड़े जा चुके हैं। वन क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि महसी के सिसैया चूडामडी गांव के कोलैला गांव में जाल और पिंजड़ा लगाया गया था। गुरुवार को सुबह 11.10 बजे भेड़िया जाल में कैद हो गया। इसके बाद उसे पिंजड़े में किया गया। रेंज कार्यालय लाया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। भेड़िया पकड़े जाने की सूचना पर काफी भीड़ एकत्रित हो गई। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि पकड़ा गया भेड़िया नर है, उसकी पांच वर्ष से अधिक है।

भेड़िया से सुरक्षा के लिए पीएससी को मिली कमान, 200 जवान संभालेंगे सुरक्षा

एसपी ने सात निरीक्षक के साथ डेढ़ दर्जन उपनिरीक्षक भी लगाए

महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िया से बचाव का जिम्मा पुलिस के साथ पीएससी के जवान संभालेंगे। इसके लिए बुधवार को 200 जवान जिले को पहुंच गए हैं। इसके अलावा सात निरीक्षक के साथ उप निरीक्षक और हेड कांस्टेबल की भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस अधीक्षक वृन्दा शुक्ला द्वारा जनपद के थाना हरदी क्षेत्र में हिंसक भेड़ियों के बढ़ते हमलों की घटनाओं पर चिन्ता प्रकट करते हुए थाना हरदी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कोलैला व हरिबक्शपुरवा का निरीक्षण किया। एसपी ने प्रभावित क्षेत्रों में घायलों से मिलकर उनका हाल पूछकर पुलिस द्वारा हर संभव सहायता के लिए आश्वश्त करते हुए सम्बन्धित विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी से मिलकर गम्भीरतापूर्वक घटना पर नियंत्रण के निर्देश दिए। हरदी क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान एसपी ने बताया कि भेड़ियों के हमलों में अभी तक 08 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि थाना क्षेत्र हरदी व खैरीघाट के कई लोग घायल हुए हैं। इस गम्भीर घटना से निपटने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में ड्रोन कैमरों से थर्मल सेंसर के माध्यम से गन्ने के खेतों को जहाँ भेड़ियों की अनुमानित लोकेशन पाई जा रही है, को स्कैन किया जा रहा है। सुबह तीनों भेडियों की लोकेशन एक ही जगह पाई गयी थी परन्तु तापमान बढ़ जाने के कारण तस्वीरें स्पष्ट नहीं आ रही हैं। वन विभाग द्वारा आवश्यक संसाधनों के साथ बड़ी संख्या में बल को तैनात किया गया है, प्रभावित दोनों थानों द्वारा अपने स्तर से काफी संख्या में पुलिस बल, होमगार्ड व पीआरडी की ड्यूटी लगाई गई। इसके अतिरिक्त प्रभावित गांवों में रात्रि के समय ड्यूटी हेतु सशस्त्र 07 निरीक्षक, 14 उपनिरीक्षक एवं 21 मुख्य आरक्षी स्तर के अधिकारी/कर्मचारीगण को व्यवस्थापित किया गया है, जिनकी क्षेत्राधिकारी महसी द्वारा अपने निकट पर्यवेक्षण में आवश्यकतानुसार ड्यूटी लगाई गई है। जनपद को 02 कम्पनी पीएसी बल भी आवंटित की गयी है। जिससे रात्रि से पुलिस बल की उपस्थिति और अधिक बढ़ जायेगी। पीएसी बल को सभी संवेदनशील मजरों में तैनात किया गया है। मौके पर बाराबंकी डीएफओ आकाश दीप बधावन, अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ पवित्र मोहन त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी महसी रूपेन्द्र कुमार गौड़, वन विभाग के उच्चाधिकारी तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

ट्रेंकुलाइज कर पकड़े जाएंगे भेड़िये,शासन की ओर से मिली हरी झंडी, बुलाए गए विशेषज्ञ

शजिले में भेड़ियों के हमले और आतंक को देखते हुए दुधवा और कतर्नियाघाट के विशेषज्ञ बुला लिए गए हैं। इनके द्वारा भेड़ियों को ट्रेंकुलाइज कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इन जंगली जीवों को जान भी गंवानी पड़ेगी। बहराइच वन प्रभाग के हरदी और खैरी घाट थाना क्षेत्र में भेड़िये का हमला बढ़ गया है। अब तक 8 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक महिला भी शामिल है। सफलता न मिलता देख जिले के वन अधिकारियों ने शासन को रिपोर्ट भेजी। जिस पर भेड़िया को ट्रेंकुलाइज करने का आदेश दे दिया गया है। बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव की ओर से आदेश मिल गया है। इसके बाद दुधवा नेशनल पार्क के डॉक्टर दया और कतर्नियाघाट के दीपक वर्मा को जिले में बुला लिया गया है। डॉक्टर दया दुधवा से जिले को आ रहे हैं। जबकि डॉक्टर दीपक वर्मा क्षेत्र में पहुंच गए हैं। ऐसे में अब आतंक मचाने वाले वीडियो को विशेषज्ञ चिकित्सको की ओर से ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा।

वन कर्मी भी नहीं रहेंगे अछूते

वन क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि भेड़िया पकड़ में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब ट्रेंकुलाइज ही एकमात्र सहारा है। जरूरत पड़ेगी तो इनको गन के द्वारा मारा भी जा सकता है। सबकी अनुमति ली जा रही है।

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