दुग्ध विकास मंत्री ने की दुग्ध संघों और पीसीडीएफ इकाईयों की समीक्षा।
समीक्षा बैठक में निर्दिष्ट कार्यों का अपेक्षित परिणाम न देने पर अधिकारियों का रोका जायेगा वेतन
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को पीसीडीएफ कार्यालय में प्रदेश के सभी 19 दुग्ध संघों एवं पीसीडीएफ इकाईयों की समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में श्री सिंह ने दुग्ध संघों के महाप्रबंधकों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि किसानों को दुग्ध मूल्य का भुगतान एक माह के अंतराल पर प्रत्येक स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।दुग्ध संघों द्वारा सुनियोजित प्रबंधन कार्य करते हुए अन्य खर्चों में कटौती की जाए और मितव्ययिता के दृष्टिगत सौर ऊर्जा का उपयोग इकाई के संचालन हेतु किया जाए।उन्होंने कहा कि पराग द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को मजबूत किया जाए और पराग मिल्क बूथों की संख्या बढ़ाई जाए।बूथ ऐसी जगह स्थापित किये जाए जहां पराग के उत्पाद सर्व सुलभ हो सके। माकेर्टिंग स्ट्रेटजी पर विशेष ध्यान दिया जाए।श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्दिष्ट कार्यों को समय से पूरा न करने और कार्यों में अपेक्षित परिणाम न देने पर वेतन रोकने की कड़ी चेतावनी दी।समीक्षा बैठक में दुग्ध विकास विभाग द्वारा बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान एक माह में किये जाने के अनुपालन के संबंध में बताया गया कि 22 अगस्त से आठ सितम्बर तक दुग्ध संघों द्वारा 1628.48 लाख रूपये का भुगतान किया गया।श्री सिंह ने कहा कि सभी दुग्ध संघों को शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास करें और वर्तमान माह की देयता पूरी करते हुए पुराने बकाये की धनराशि भी चरणबद्ध रूप से देना सुनिश्चित करें।श्री सिंह ने जनपद वाराणसी,अयोध्या,लखनऊ व बरेली दुग्ध संघों द्वारा भुगतान में बेहतर प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की।श्री सिंह ने कहा कि वाराणसी दुग्ध संघ की भांति सभी दुग्ध संघ एनडीडीबी से सहयोग और समन्वय स्थापित करें और अपने कार्यों में सुधार लाये।श्री सिंह ने महाप्रबंधकों को निर्देश दिये कि दुग्ध किसानों के खाते आवश्यक रूप से खुलवाये जाए।किसानों को भुगतान डीबीटी प्रक्रिया द्वारा ही किया जाए और समिति के सदस्यों की डाटा फीडिंग करवाई जाए।श्री सिंह ने जनपद चित्रकूट, झांसी, गोरखपुर तथा कानपुर के महाप्रबंधकों को दुग्ध समितियों के गठन की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए समिति को अतिशीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिये।श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पशुपालकों,किसानों को उन्नत नस्ल की गाय,भैंसे पालने, स्वास्थ्य तथा गुणवत्तायुक्त पौष्टिक चारे के बारे में जागरूक करने को भी कहा।उन्होंने दुग्ध समितियों के प्रभावी गठन, पुनर्गठन,उनसे दुग्ध उपार्जन व प्रक्रिया उपरान्त उपभोक्ताओं को निरंतर दुग्ध एवं दुग्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
दुग्ध विकास मंत्री ने वर्ष 2023-24 में गठित 1046 एवं पुनर्गठित 450 समितियों को क्रियाशील करने,निष्क्रिय दुग्ध समितियों को पुनः संचालित करने,दुग्ध समितियों में स्थापित बीएमसी,डीपीएमसीई संचालन, दुग्ध उपार्जन,तरल दुग्ध बिक्री एवं दुग्ध उत्पाद बिक्री, सहकारी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, दुग्धसंघों के आपरेटिग व्ययों को नियंत्रित करने,स्थापित डेयरी प्लान्ट की क्षमता उपयोगिता एवं पशु आहार निर्माणशाला की स्थिति की गहन समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के. रवीन्द्र नायक ने मंत्री श्री सिंह को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।श्री नायक ने कहा कि बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान की कार्यवाही तेजी से की जायेगी। दुग्ध संघों के ऑपरेटिंग व्ययों को नियंत्रित किया जायेगा।सौर ऊर्जा प्रयोग में यथाशीघ्र कार्यवाही की जायेगी।उन्होंने निर्देश दिये कि पशुपालकों एवं किसानों को प्रशिक्षित किया जाए और नई तकनीक व जानकारी देने का कार्य किया जाए ताकि प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके।बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार,दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र,पीसीडीएफ के डा. मनोज तिवारी तथा दुग्ध संघों के महाप्रबंधक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अमिताभ श्रीवास्तव