आसमान में दिखेंगे 2 चंद्रमा! महाभारत से जुड़ा ‘मिनी मून’ का रहस्य

मिनी-मून 29 सितंबर से लेकर 25 नवंबर तक लगभग दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा

अंतरिक्ष में दिखने जा रहे मिनी मून की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. मिनी-मून को 2024-PT5 एस्टेरॉयड कहा जाता है, यह नियमित चंद्रमा से 3 लाख 50 हजार गुना छोटा है. इसका व्यास 3 हजार 476 किलोमीटर है. इसलिए सामान्य आंखों से इसे नहीं देखा जा सकता. नेट्रा (नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस) 2024-PT5 की गतिविधि पर नजर रख रहा है. उसने कहा है कि मिनी-मून का संबंध महाभारत के अर्जुन से है. जो 53 दिनों तक हमारे ग्रह की परिक्रमा करेगा. यह एस्टोरायड पृथ्वी से नहीं टकराएगा. इसरो के नेट्रा ने इसकी पुष्टि की है कि मिनी-मून पृथ्वी की एलिप्टिकल फोर्स से 25 नवंबर को सौर मंडल में वापस जाने से पहले 29 सितंबर से लगभग दो माह तक पृथ्वी की परिक्रमा करना शुरू कर देगा. पृथ्वी के निकट (NEO) की वस्तुओं की निगरानी के लिए नासा द्वारा वित्त पोषित एक स्वचालित प्रणाली, एस्टेरॉयड स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (एटीएलएएस) द्वारा 7 अगस्त को खोजे गए ऑब्जेक्ट का हिंदू महाकाव्य महाभारत से भी संबंध है. हिंदू पौराणिक कथाओं में अर्जुन को उनकी बहादुरी, अद्वितीय तीरंदाजी कौशल और बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है। यह नाम क्षुद्रग्रह के सौर मंडल से तेजी से गुजरने, अर्जुन के तेज तीरों की तरह और इसकी अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है। लेखक खगोलशास्त्री कार्लोस डे ला फुएंते मार्कोस और राउल डे ला फुएंते मार्कोस ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पृथ्वी के चारों ओर मिनी मून दिखाई देगा। इससे पहले 1997, 2013 और 2018 में भी ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (आरएनएएएस) के रिसर्च नोट्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खगोलविदों का कहना है कि 2024 पीटी5 की कक्षीय विशेषताएं अर्जुन एस्टेरॉयड समूह से आने वाले एस्टेरॉयड से मिलती-जुलती हैं, जो छोटे NEO की आबादी का एक हिस्सा है. नेट्रा के मुताबिक 2024 PT5 अर्जुन एस्टेरॉयड समूह का हिस्सा है. अर्जुन सौर मंडल में एस्टेरॉयड का एक अनूठा समूह है. इस एस्टेरॉयड समूह के नामकरण का पता 1991 में लगाया गया, जब खगोलशास्त्री रॉबर्ट एच. मैक्नॉट ने उसी वर्ष 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में साइडिंग स्प्रिंग वेधशाला में एक एस्टेरॉयड 1991 वीजी की खोज की थी. अर्जुन नाम उन्होंने हिंदू महाकाव्य महाभारत के चरित्र से प्रेरित होकर चुना था. इसे आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा अनुमोदित किया गया था.

महाभारत से जुड़ा मिनी मून

नासा की ऐस्टारॉयड स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (एटीएलएएस) की ओर से खोजे गए इस एस्टेरॉयड का हिंदू महाकाव्य महाभारत से भी संबंध है। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (RNAAS) के रिसर्च नोट्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खगोलविदों का कहना है कि 2024 PT5 के कक्षीय गुण अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट से आने वाले एस्टेरॉयड से मिलते जुलते हैं। NETRA के डॉ. अनिल कुमार भी पुष्टि करते हैं कि 2024 PT5 अर्जुन एस्टेरॉयड समूह का हिस्सा है।

सौरमंडल में है ‘अर्जुन’ एस्टेरॉयड का यूनिक ग्रुप

‘अर्जुन’ सौरमंडल में एस्टेरॉयड का एक यूनिक ग्रुप है। इस एस्टेरॉयड ग्रुप का नामकरण 1991 में हुआ था, जब खगोलशास्त्री रॉबर्ट एच. मैकनॉट ने उसी साल 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के सायडिंग स्प्रिंग ऑब्जर्वेटरी में ‘1991 VG’ नामक एस्टेरॉयड की खोज की थी। उन्होंने ही हिंदू महाकाव्य महाभारत के पात्र से प्रेरित होकर ‘अर्जुन’ नाम चुना था। इसे आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने अनुमति दी थी।

 

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