राज्य सूचना आयुक्त ने जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ की बैठक,दिए निर्देश
समृद्धि न्यूज़ अयोध्या। बुधवार को अयोध्या पहुंची प्रदेश की राज्य सूचना आयुक्त सेवानिवृत आईएएस श्रीमती शकुन्तला गौतम की अध्यक्षता में जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत लम्बित आवेदनों/द्वितीय अपील के लंबित प्रकरणों व आख्या प्रेषण के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी।उन्होंने बताया कि राज्य सूचना आयोग स्तर पर जनपद अयोध्या के 23 विभागों के कुल लगभग 199 मामले लंबित/डिफाल्ट है, जिसके यथाशीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित विभाग के जनसूचना अधिकारी को निर्देशित किया गया है।उन्होंने कहा कि सभी जनसूचना अपील/प्रथम अपील व नोडल अधिकारी जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जारी दिशा निर्देशों व धाराओं को अवश्य अध्ययन कर लें,जो उन्हें जनसूचना अधिकार के तहत सूचनाएं देने में सहायता प्रदान करेंगी।राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सभी जनसूचना अधिकारी जिस भी जनसूचना का जवाब देते है उसका सही,पूर्ण एवं बिन्दुवार विवरण बताते हुए अपने हस्ताक्षर से 30 दिनों के अन्दर उसका निस्तारण सुनिश्चित करें और यदि उसकी सूचना अपने अधीनस्थ से प्राप्त की जाती है तो उस पर अपना कवरिंग लेटर अवश्य लगायें।उन्होंने कहा कि जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत निस्तारण हेतु यदि किसी कमेटी का गठन किया जाता है और निरीक्षण किया जाता है तो उसमें सभी सम्बंधित अधिकारियों/व्यक्तियों के हस्ताक्षर कराते समय दिनांक व समय अंकित कराएं,जिससे पारदर्शिता बनी रहे।समीक्षा के दौरान उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा पाया गया है कि जन सूचना मांगने वाले व्यक्ति के द्वारा संलग्नक की मांग की जाती है तो उस परिपेक्ष्य में जनसूचना अधिकारी सम्बंधित व्यक्ति को पेज की गणना कर अवगत कराएं कि उसको कितनी धनराशि जमा करनी है और उसकी धनराशि को सम्बंधित कोष में जमा करायें।उन्होंने यह भी कहा कि जिस भी जनसूचना अधिकार का उत्तर दिया जाता है उसको डिस्पोज किये जाने के साक्ष्य को पत्रावली में संरक्षित अवश्य करें,जिससे यदि सम्बंधित व्यक्ति प्रथम अपीलीय अधिकारी व आयोग में इस सम्बंध में शिकायत करता है तो आपके पास साक्ष्य मौजूद होने चाहिए।समीक्षा के दौरान उन्होंने बताया कि यदि जनसूचना अधिकार के तहत किसी व्यक्ति की निजी सूचना चाही जा रही है तो ऐसे प्रकरणों में जनसूचना अधिकारी उस व्यक्ति को जिसकी सूचना चाही गयी है उसको धारा-11 के अन्तर्गत पांच दिवस के अन्दर नोटिस जारी करेगा और सम्बंधित व्यक्ति द्वारा दस दिन में कोई जवाब नही दिया जाता है तो जन सूचना अधिकारी नियमों का अध्ययन करते हुए अग्रिम कार्यवाही करें।राज्य सचूना आयुक्त ने समीक्षा के दौरान बताया कि राजस्व,पुलिस,ग्राम विकास,पंचायती राज व शिक्षा विभाग के ज्यादातर जनसूचना अधिकार के मामलों के निस्तारण में यह उल्लेख किया जाता है कि सम्बंधित सूचना प्रदान नही की जा सकता है तथा सूचना देय नही है।ऐसी स्थिति में सभी जनसूचना अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किस धारा के तहत सूचना देय नही है इसका उल्लेख अवश्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आयोग में जो प्रकरण लम्बित है उनको आनलाइन चेक कर लिया जाय तथा जो प्रकरण लम्बित हो गये है उनमें अभी कथन प्रस्तुत किये जाए कि किन कारणों से प्रकरण लम्बित किया गया है।उन्होंने यह भी बताया कि कई बार देखा गया है कि एक ही व्यक्ति द्वारा एक जनसूचना अधिकार में दो से अधिक विभागों की जनसूचना मांगी गई है।ऐसे प्रकरणों में आपके द्वारा जो सूचना सम्बंधित हो उसका बिन्दुवार जवाब बनाते हुए जो अन्य बिन्दु दूसरे विभागों से संबंधित है उसके विषय में भी उसको अवगत कराते हुए संबंधित विभाग से जन सूचना प्राप्त करने का अनुरोध किया जाए।इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन/प्रभारी जिला जनसूचना अधिकारी अनिरुद्ध प्रताप सिंह,नगर मजिस्ट्रेट सहित राजस्व, होमगार्डस,पुलिस,चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, खाद्य एवं रसद विभाग आदि के जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित रहे।
अमिताभ श्रीवास्तव