कवियों ने हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाये जाने की उठायी मांग

प्रेस क्लब द्वारा काव्योत्सव का हुआ आयोजन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने राष्ट्रवाद और हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाए जाने की मांग की।
कव्योत्सव का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि डॉ0 शिवओम अम्बर ने देवी सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राष्ट्रीय कवि डॉ0 शिवओम अम्बर ने कहा कि हिन्दी भाषा हमारा गौरव हमारा अभिमान है, हम सभी हिन्दी प्रेमी सरकारों से राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग करते हैं। आज भी हिन्दी भाषा को भारतीय न्यायालय में वो स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। उन्होंने फांकों को भी मस्ती में जीते है, बस्ती बस्ती फरियाद नहीं करते। सच कहते है अथवा चुप रहते है, हम लफ्जों को बर्बाद नहीं करते पंक्तियां पढ़ीं। बरेली से आईं कवयित्री पल्लवी सक्सेना ने गज़ल तेरी चाहत में हद से गुजर जाऊंगी, एक तेरे प्यार में कुछ भी कर जाऊंगी। आईना है मेरा अब ये आंखें तेरी, देख कर उनमें ही मैं संवर जाऊंगी गज़़ल पढ़ी। वरिष्ठ कवि डॉ0 संतोष पाण्डेय ने बेटी होकर, बेटे का फर्ज निभाना सचमुच मुश्किल है रचना पढ़ीं। छंदकार राम अवतार शर्मा इन्दु ने सपनें जिनको अर्पित हैं वे अपनें कटार कर में थामे अवसर की वाट निहार रहे कब किस विधि से आघात करें पंक्तियां पढ़ीं। कवयित्री गीता भारद्वाज ने नमन तुम्हें करते हैं हिन्दी भारत मां की प्यारी, काव्य कुण्ड में कुंज कली तुम शब्दों की फुलवारी रचना का पाठ किया। उत्कर्ष अग्निहोत्री ने इस तरह जीने का सामान जुटाता क्यूं है, ख़र्च करना ही नहीं है तो कमाता क्यूं है गजल पढ़ीं। किशन साध ने कहा कि अमिया पत्थर गुलेल वहीं जमाने रख, पक्षी लौटेंगे तय है, छत पर कुछ तो दाने रख। कार्यक्रम में राम शंकर अवस्थी ने कृष्ण राधिका को समर्पित छंद पढ़े, दिलीप कश्यप भगत सिंह को समर्पित देश भक्ति कविता पढ़ीं। संयोजक राम मोहन शुक्ल श्रृंगार रस को कविता पढ़ीं। डॉ0 पीडी शुक्ला, प्रीति तिवारी, उपकार मणि आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन वैभव सोमवंशी ने किया। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया एसोशिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश के रचनाकार हिन्दी भाषा के पक्ष में जागरण का काम कर रहे हैं। प्रेम क्लब अध्यक्ष सर्वेंद्र कुमार अवस्थी इन्दु ने कहा हिन्दी और हिन्दी प्रेमियों की सेवा के लिए मैं हमेशा तैयार हूं। हिन्दी भाषा ने आज पूरे विश्व में पहचान बनाई है। हिन्दी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। कार्यक्रम में आए सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान दिवंगत अधिवक्ता ओम प्रकाश दुबे की पुस्तक मुक्तामाला का लोकार्पण किया गया। अंचल दुबे, रविन्द्र भदौरिया, दीपक सिंह, विशाल श्रीवास्तव, इमरान हुसैन, भूपेंद्र प्रताप सिंह, अनिल प्रताप सिंह, महेश पाल सिंह उपकारी, हरिभान सिंह, कुलभूषण श्रीवास्तव, अमित सक्सेना, धीरज मौर्य, राज गौरव पाण्डेय, अमित त्रिवेदी, अर्पण शाक्य, अरविंद दीक्षित, प्रमोद दीक्षित, रोहित दीक्षित, आफाक खान आदि लोग उपस्थित रहे।

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