डीएपी खाद को तरस रहे किसान, सरकारी दावे हवा हवाई

शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। एक तरफ योगी सरकार जहां किसानों को खाद संबंधी कोई समस्या ना हो इसके लिए रात दिन एक कर संसाधन व व्यवस्था उपलब्ध करवा रही है, तो वहीं नीचे बैठे लोग कुछ लोग अपने को खुदा समझ आम जनमानस को परेशान करने का कोई भी मौका खाली नहीं जाने दे रहे हैं।
सरकार द्वारा सहकारी समितियां को इसलिए खाद उपलब्ध करवाई जाती है कि किसी भी किसान को खाद संबंधित कोई समस्या उत्पन्न ना हो, लेकिन जिले में सहकारी समितियों में इस समय डीएपी खाद का टोटा है, जो कहीं न कहीं शासन और प्रशासन के हवा हवाई दावों की पोल खोल रहा है। किसान रोज सहकारी समितियों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो चुका है, लेकिन डीएपी खाद उसे नसीब नहीं हो पा रही है। एक तरफ उच्चाधिकारियों का कहना है कि डीएपी खाद की जिले में कोई किल्लत नहीं है। अगर उच्चाधिकारियों की मानी जाए तो खाद की कोई किल्लत नहीं है, तो फिर किसान परेशान क्यों है। किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध क्यों नहीं हो पा रही है। वहीं खाद लेने आए सहकारी समिति पर कुछ किसानों से वार्ता के दौरान पता लगा कि वह कई दिनों से सहकारी समिति के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं, लेकिन सचिव के द्वारा उन्हें बार-बार बताया जा रहा है कि डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। वहीं क्षेत्रिय किसानों ने बताया कि इस समय शमशाबाद, चिलसरा, बेला सराय गजा, नगला नान सहकारी समितियों पर एनपीके खाद उपल्ब्ध है जो कि समिति के सचिवों द्वारा अपने कुछ खास चुनिंदा लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही है आम किसानों को नहीं। यदि किसी किसान को एनपीके खाद दी भी जाती है तो एक बोरी खाद के साथ जिंक का पैकेट जिसकी कीमत 495 रूपये अतिरिक्त वसूल की जा रही है। यदि कोई किसान जिंक का पैकेट लेने से इनकार करता है या पैसे की समस्या का हवाला देता है तो उसको एनपीके खाद नहीं दी जाती है और भगा दिया जाता है। वहीं कुछ किसानों ने बताया है कि उनके द्वारा जैसे तैसे जोड़.तोडक़र खाद की बोरी के लिए पैसे इक_े किए गए हैं, लेकिन सहकारी समितियों के सचिवों की मनमानी की वजह से 495 रूपये कीमत की जिंक का थैला अतिरिक्त उसके साथ में लगाया जा रहा है। जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं कुछ किसानों ने बताया कि यदि किसी प्राइवेट दुकान पर खाद मिल भी जाती है तो वहां पर एक बोरी डीएपी की कीमत 1600 रूपये से लेकर 1700 रूपये तक ली जाती है। जिससे किसान काफी परेशान है। डीएपी खाद उपलब्ध न हो पाने की वजह से आलू की गढ़ाई में काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैंष जिससे किसान काफी चिंतित व आक्रोशित है। किसानों ने जिले के आला अधिकारियों से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द खाद्य उपलब्ध करवाई जाए। जिससे कि उनका आलू गड़ाई का कार्य पूर्ण हो सके।

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