प्रयागराज समृद्धि न्यूज।
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत जीपीएफ कटौती की मांग से जुड़ी बड़ी खबर,
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार, बेसिक एजुकेशन ऑफिसर ललितपुर, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद व अन्य विपक्षियों से 2 हफ्ते में मांगा जवाब,
उसके बाद एक सप्ताह का समय याची के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने के लिए दिया है,
याचिका में यूपी सरकार द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के तहत न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के पहले नियुक्ति के आधार पर की गई है मांग,
कहा गया है कि याची 28 मार्च 2005 को जारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत नहीं आते हैं,
क्योंकि उनकी नियुक्ति एनपीएस लागू होने के पहले की गई है,
भले ही बीटीसी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट एनपीएस लागू होने के बाद जारी किया गया हो,
याचियों द्वारा सितंबर 2005 से याचियों का जीपीएफ कटौती रोकने के आदेश को दी गई है चुनौती,
याचियों का कहना है कि एनपीएस का नहीं हो सकता भूतलक्षी प्रभाव,
कमल कुमार कुशवाहा व 2 अन्य की ओर से दायर की गई है याचिका,
याची जिला ललितपुर में बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट टीचर के पद पर वर्तमान में है कार्यरत,
याचियों की तरफ से अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने की बहस,
15 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई,
राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा गया कि इससे संबंधित एक मामला लखनऊ खंडपीठ की सिंगल जज बेंच ने निर्णीत किया,
उसके बाद उसकी स्पेशल अपील डिवीजन बेंच में हुई,
राज्य सरकार वहां से भी हार गई, उसके बाद राज्य सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है,
इसलिए बिना उसके निर्णय आए याचियों को जीपीएफ कटौती का आदेश देना अनुचित होगा,
जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में हुई मामले की सुनवाई।