कंपिल, समृद्धि न्यूज। राजकीय सम्मान के साथ जीवनकाल में मिले वीर चक्र नायब सूबेदार राजवीर सिंह राठौड़ की प्रतिमा का अनावरण पैतृक गाँव में किया गया। शहीदों की पत्नियों के आलावा सेवानिवृत सैनिकों का भी सम्मान किया गया। इस दौरान राजपूत रेजिमेंट के बिर्गेडियर अन्य जवानों के साथ मौजूद रहे। ग्राम प्रधान व भारी संख्या मे ग्रामीणों ने मूर्ति अनावरण में शिरकत की।जनपद की एटा सीमा पर तहसील अलीगंज के गाँव गढिय़ा जगन्नाथ निवासी नायब सूबेदार राजवीर सिंह राठौड़ का जन्म 24 जनवरी 1936 में हुआ था। 23 दिसंबर 1953 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वह 6 दिसंबर 1965 मे पंजाब प्रान्त के बिदकी क्षेत्र में भारत-पाक युद्ध में सीमा पर रायफल प्लाटून का नेतृत्व कर रहे थे। अचानक दुश्मन की तरफ से भीषण गोलाबारी शुरू हो गयी। जिसमें दुश्मन की गोली लगने से नायब सूबेदार राजवीर सिंह राठौड़ घायल हो गये। अपनी जान की परवाह न करते हुए नायब सूबेदार ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए मोर्चा सम्भाला और रिठम प्रोजेक्टर से दुश्मनों के टैंकों पर हमला बोल दिया और वीरता से लड़ते हुए दुश्मन की चोटी पर भारतीय परचम लहरा दिया। उनकी वीरता के लिए 6 सितम्बर 1966 को तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उन्हें जीवन काल में वीरचक्र से नवाजा। 15 फरवरी 2021 को उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार को उनके पैतृक गाँव में बिर्गेडियर एच एस सिंधु, मेजर पावस तिवारी, सब मेजर विक्रम सिंह, सब मेजर कप्तान सिंह शेखावत, सब मेजर सूर्य मदार सिंह, सब मेजर कोमल सिंह, सब मेजर दीनदयाल सिंह की मौजूदगी मे बिर्गेडियर ने गाँव के पंचायत भवन में नायब सूबेदार की मूर्ति का अनावरण किया औ उन्हें सलामी दी। सेना के बैंड के साथ भारत माता की गूंज के बीच बिर्गेडियर ने मूर्ति को माला पहनाकर अनावरण किया। इस दौरान अलीगंज तहसील के उपजिलाधिकारी जगमोहन गुप्ता भी मौजूद रहे। ग्राम प्रधान अखिलेश सिंह ने बताया की नायब सूबेदार के परिवार में उनके भाई शिवशरण ही जीवित बचे हंै। इस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों की पत्नियों पुष्पा पत्नी राजकुमार, रेखा पत्नी सुरेन्द्र, राजकुमारी, पूर्व सैनिक उदयराम सिंह, रवेंद्र सिंह, ग्रीश पाल सिंह आदि दर्जन भर लोगों को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया। इस दौरान भारी संख्या मे ग्रामीण मौजूद रहे।