सुहागिनों ने हाथों को हिना से सजाया, 20 अक्तूबर को करेंगी चांद का दीदार

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। करवा चौथ व्रत हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ 20 अक्तूबर को मनायी जायेगी। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन को बनाए रखने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से होती है, जो सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस साल करवा चौथ पर भी भद्रा का साया रहेगा।
इस दौरान सुहागिनों को किस प्रकार के कार्य करने से बचना चाहिए। भद्रा को शुभ माना गया है। कहा जाता है कि भद्रा शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है। इस वर्ष करवा चौथ पर 20 अक्तूबर को 21 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय 20 अक्तूबर को शाम 5:46 बजे से शुरू हो रहा है। यह शुभ मुहूर्त ७:02 तक रहेगी। करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह 06:24 से 06:46 तक रहती है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत भद्रा काल शुरू होने से पूर्व ही हो जाएगी। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें। करवा चौथ पर मेंहदी लगाने की प्रथा आदि काल से चली आ रही है। मेंहदी लगाकर सुहगिन महिलायें हाथों को सजाती है। जिससे पति की लम्बी उम्र होती है और मां गौरी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है।

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