फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नोटिस तामीला न कराने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैली राय ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। कायमगंज थानाध्यक्ष के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं न्यायालय में आख्या प्रस्तुत न करने पर मोहम्माबाद थानाध्यक्ष को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सुनवाई के लिए अगली तिथि 28 अक्टूबर नियत की है।
राज्य प्रति जुगपाल का वर्ष 2009 से मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जिसका निस्तारण उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शीघ्र किया जाना है। उक्त प्रकरण में का0 राजेन्द्र सिंह को साक्ष्य हेतु आहूत किया गया था। न्यायालय ने को समन प्रेषित किया गया था। उक्त समन न्यायालय को टिप्पणी के साथ वापस हुआ कि सरकारी कार्य व अन्य ड्यूटी होने के कारण तामीला नहीं हो पाया। न्यायालय ने उक्त प्रोसेस तामीला हेतु हे0का0 मुकेश कुमार को 26 अक्टूबर को आदेश दिया था। 22 अक्टूबर को तामीला नहीं कराया गया। यह आदेश न्यायालय की अवहेलना की श्रेणी में आता है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैली राय ने आदेशित किया कि किन कारणों से न्यायालय द्वारा जारी किये गये प्रोसेस तामीला नहीं कराया गया। जिससे प्रकरण की अग्रिम कार्यवाही नहीं हो पा रही है। न्यायालय का आदेश पालन न करने व घोर लापरवाही के चलते 28 अक्टूबर की तिथि पर कायमगंज कोतवाली प्रभारी उपस्थित न होने की स्थिति में क्यों न आपके विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कार्यवाही सम्पादित की जाये। वहीं कोतवाली मोहम्मदाबाद प्रभारी को भी न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राज्य बनाम अभियुक्त धर्र्मेन्द्र पुत्र विजय पाल बहेलिय निवासी आजद नगर बनपोई कोतवाली मोहम्मदाबाद लम्बे समय से न्यायालय में अनुपस्थित चल रहा है। जिसके विरुद्ध 25 जून 2024 व 28 मई 2024 को एनपीडब्लू व धारा 80 की आदेशिका जारी करने का आदेश निर्गत किया गया था, लेकिन न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करने हेतु संबंधित थाने के पैरोकार को भी नोटिस निर्गत कराया गया था। जिसका पालन नहीं किया गया। न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने व घोर लापरवाही की गई है। 28 अक्टूबर को व्यक्तिगत रुप से समय 10:30 परउपस्थित होकर उक्त प्रकरण के संबंध में की गई कार्यवाही व जीडी में इंद्राज आदि विवरण सहित न्यायालय में उपस्थित होकर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर अवगत कराये कि आप द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन किन परिस्थितियों में नहीं किया गया। इस कारण से आपके विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधि अनुसार कार्यवाही की जाये। तथा उच्चाधिकारियों को आपके कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण संदर्भित किया जाये।