तत्कालीन थानाध्यक्ष को 10 वर्ष व उपनिरीक्षक को साढ़े तीन वर्ष का कारावास………

*उपनिरीक्षक लूट में बरी, जीडी में हेराफेरी में दोषसिद्ध
*रामखिलावन पर ४ लाख ५ हजार व अरविन्द पर ४१ हजार का जुर्माना


फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। तत्कालीन थानाध्यक्ष मेरापुर रामखिलावन को लूट व जीडी में फेरबदल के मामले 10 वर्ष का कारवास व 4 लाख 5 हजार का अर्थदण्ड तथा उपनिरीक्षक अरविन्द कुमार वर्तमान तैनाती थाना खेड़ा जनपद गाजियाबाद को जीडी में फेरबदल के मामले में 3 वर्ष 6 माह का कारवास व 41 हजार रुपये के अर्थदण्ड से अपर जिला जज दस्यु प्रभावित न्यायधीश कृष्ण कुमार ने दण्डित किया।
16 वर्ष पूर्व के मामले मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव नौली निवासी बृजराज सिंह ने उन्नाव जिले के थाना आसीवन क्षेत्र के गांव निजामपुर निवासी तत्कलीन थानाध्यक्ष रामखिलावन व औरैया जिले के थाना अजीतमल के गांव पैगंबरपुर निवासी अरविंद कुमार के खिलाफ वर्ष 2006 में कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। उस समय रामखिलावन मेरापुर थाने में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे और अरविंद कुमार हेड कांस्टेबिल था। पीडि़त ने दर्ज कराए मुकदमे में कहा था कि सिविल कोर्ट में जमीन को लेकर चरन सिंह से उसका मुकदमा चल रहा था। थानाध्यक्ष रामखिलावन चरन सिंह के पक्ष में समझौता करने के लिए दबाव बनाते थे। पांच अगस्त 2006 को दिन में 11 बजे थानाध्यक्ष ने थाने पर बुलाया और चरन सिंह से चले रहे जमीनी मुकदमे में समझौता करने का दबाव बनाया। मना करने पर थानाध्यक्ष ने गाली-गलौज किया और शर्ट की जेब से 1140 रुपये निकाल लिए। 11 सितंबर को भाई विजय के साथ लोन पर लिए ट्रैक्टर की किस्त जमा करने 50 हजार रुपये लेकर फतेहगढ़ जा रहे थे। सराय अगहत के पास पहुंचने पर थानाध्यक्ष मिले तो उन्होंने रोक लिया। वह पकड़ कर सरकारी आवास में ले गए। वहां मारपीट कर उससे 50 हजार रुपये लूट लिए। इसके बाद हवालात में बंद कर दिया। 87 पुडिय़ा स्मैक और 3500 रुपये की बरामदी दिखाकर चालान कर दिया। बृजराज सिंह की मां ने थाने जाकर 50 हजार रुपये लूटने का आरोप लगाया और एसपी से शिकायत करने की बात कहीं। तब एसओ ने 3500 के स्थान पर 23000 रुपये की बरामदगी दिखाई। हेड कांस्टेबिल अरविंद कुमार ने जीडी पर भी कटिंग कर 3500 के स्थान पर 23000 अंकित कर दिए, लेकिन मालखाना प्रभारी इंद्रपाल ने रजिस्टर पर कटिंग करने से थानाध्यक्ष को मना कर दिया था। दूसरे दिन थानाध्यक्ष ने रजिस्टर छीनकर उसमें भी 3500 रुपये की बरामदगी को काटकर 23000 की बरामदगी लिख दी। 27 हजार रुपये एसओ ने नहीं दिखाए। जीडी व माल खाना रजिस्टर में कटिंग करने, गलत तरीका से गिरफ्तारी दिखाने और लूट करने का मामला मुकदमे में सुनवाई के दौरान गवाहों की गवही से खुलकर सामने आ गया। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय, संजीव कुमार, भानु प्रकाश मिश्र की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जिला जज दस्यु प्रभावित न्यायधीश कृष्ण कुमार ने सेवानिवृत्त थानाध्यक्ष रामखिलावन को लूट, कूटरचित दस्तावेज व जीडी में फेरबदल के मामले में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का कारवास व 4 लाख 5 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा गाजियाबाद के थाना खोड़ा में तैनात दरोगा अरविंद कुमार को कूटरचित दस्तावेज तैयार करने में दोषी करार देते हुए 3 वर्ष 6 माह का कारवास व 41 हजार का अर्थदण्ड से दण्डित किया। उपनिरीक्षक को लूट के मामले में दोषमुक्त करार दिया गया है।
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आरोपियों को ले जाती पुलिस

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