राज्यपाल ने की डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा।
( अमिताभ श्रीवास्तव )
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को डॉ0 ए.पी.जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) हेतु दाखिल की जाने वाली सेल्फ स्टडी रिपोर्ट की समीक्षा बैठक संपन्न हुई।बैठक में विश्वविद्यालय की तैयारी,आत्म मूल्यांकन और रिपोर्ट की गुणवत्ता पर विस्तार से चर्चा की गई।राज्यपाल ने रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि रिपोर्ट में सभी आवश्यक मापदंडों का समावेश हो और इसे उच्च गुणवत्ता के साथ प्रस्तुत किया जाए।उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि रिपोर्ट में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, शोध कार्यों,शिक्षण की गुणवत्ता और छात्र कल्याण के प्रयासों को सही तरीके से दर्शाया जाए।राज्यपाल ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय निरंतर छात्रों से फीडबैक ले और उन्हें अपनी राय एवं समस्याओं को खुलकर व्यक्त करने की आज़ादी प्रदान करे।उन्होंने कहा कि यदि छात्र किसी प्रकार की नकारात्मक टिप्पणी या शिकायत करते हैं,तो उन शिकायतों को तुरंत हल करने और उनके ग्रीवांस दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।यह कदम विश्वविद्यालय की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होगा।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि छात्रों को नैक और राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन0आई0आर0एफ0) मूल्यांकन प्रक्रिया का हिस्सा बनाते हुए उन्हें सक्रिय रूप से सहभागी बनाया जाए।इसके अतिरिक्त,उन्होंने विश्वविद्यालय से प्रत्येक गतिविधि के लिए उचित कैप्शन के साथ फ़ोटोग्राफ्स संकलित करने का निर्देश दिया।उन्होंने विश्वविद्यालय को कैंपस के बाहर जाकर गतिविधियों का आयोजन करने,लाइब्रेरी में दुर्लभ पुस्तकों को संरक्षित करने और छात्रों को उनका अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा इन दुर्लभ पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाने का निर्देश दिया और कहा कि इनमें हमारी प्राचीन परंपरा और संस्कृति का ज्ञान छुपा हुआ है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को कोरोना काल के दौरान किए गए सामाजिक कार्यों को रिपोर्ट में शामिल करने,छात्रों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय जैसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराने,मेंटर मेंटी के माध्यम से छात्रों से संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान करने के साथ ही विश्वविद्यालय को अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करने और छात्रों को ’खेलो इंडिया’ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का भी निर्देश दिया।राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी गतिविधियों का परिणाम ध्यानपूर्वक रिकॉर्ड किया जाए। इसमें छात्रों के एनरोलमेंट, ड्रॉपआउट दरों में कमी और संस्थागत डिलीवरी के आंकड़ों का रिकॉर्ड शामिल होना चाहिए। उन्होंने संस्थागत डिलीवरी को बढ़ावा देने के लिए भी विश्वविद्यालय को प्रोत्साहित किया।इस अवसर पर बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे,विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ पंकज एल.जानी,डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जय प्रकाश पाण्डेय,विश्वविद्यालय के नैक टीम के सदस्य व अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।