फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भोलेपुर स्थति एक गेस्ट हाउस में चमार रेजीमेंट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सागर ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चमार रेजीमेंट संघर्ष समिति का गठन किया गया है। पूर्व सूबेदार राकेश कुमार सागर को समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। पूर्व प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय संगठन रामचंद्र को समिति का सरंक्षक नियुक्त किया। रंजीत सिंह को राष्ट्रीय महासचिव, दिलीप पासवान को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। सभी जिलों में संगठन को तैयार कर चमार रेजीमेंट बहाली हेतु धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि प्रदेशों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है। जिला व विधानसभा स्तर पर संगठन तैयार किया जा रहा है। रंजीत सिंह ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में बहादुरी का परचम लहराने वाली चमार रेजीमेंट का 1943 में मेरठ छावनी में गठन किया गया था। गठन के बाद ही उसे जापानी सेना जो वर्मा रंगून होते हुए नागालैंड, कोहिमा तक पहुंच गई थी। अंग्रेज़ी हकूमत ने उस समय की दुनियां की सबसे ताकतवर जापानी सेना को नागालैंड कोहिमा से बाहर खदेडऩे हेतु चमार रेजीमेंट भेजा था। चमार रेजीमेंट ने बहादुरी का परचम लहराते हुए 3270 जापानी सैनिकों को मौत के घाट उतार कर जापानी सेना को कोहिमा नागालैंड से बाहर खदेड़ते हुए उसे रंगून और वर्मा से भी बाहर खदेड़ दिया था। इस युद्ध में चमार रेजीमेंट के 327 सैनिक शहीद हुए थे, जिनके नाम कोहिमा में बनाए गए युद्ध स्मारक पर अंकित हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की तरह चमार रेजीमेंट के सभी बहादुर सैनिक लड़े और देश को आजादी दिलाने/अंग्रेजों को देश से बाहर खदेडऩे में अहम भूमिका निभाई थी, अंगेजी हुकूमत ने चमार रेजीमेंट को भंग कर दिया था, लेकिन अभी तक चमार रेजीमेंट का दर्जा नहीं दिया गया। रामचंद्र ने कहा कि इस तरह की बहादुरी और देशभक्ति का बेजोड़ प्रदर्शन करने वाली चमार रेजीमेंट को आजादी के बाद भारतीय सेना सहित आज तक की सभी भारत सरकारों ने बहादुर एवं देशभक्त चमार रेजीमेंट को बहाल नहीं किया है।